बिहार

bihar

ETV Bharat / state

इस स्मार्ट सिटी का एयरपोर्ट बना तबेला.. रनवे पर चर रहीं गाय-भैंसें.. लोग पूछ रहे कब उड़ेंगे जहाज?

बिहार के भागलपुर एयरपोर्ट से हजाई जहाज के उड़ान भरने को लेकर डिमांड लगातार जोर पकड़ती जा रही है. स्थानीय लोगों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर (#BhagalpurNewAirport) भी यूजर्स एयरपोर्ट शुरू करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन भागलपुर हवाई अड्डा की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती चली जा रही है. पढ़ें रिपोर्ट...

भागलपुर
भागलपुर

By

Published : Sep 26, 2021, 8:10 PM IST

भागलपुर: बिहार के भागलपुर(Bhagalpur Airport) से हवाई सेवा के मामले में भारत सरकार का उड्डयन मंत्रालय सुस्त है. जबकि भागलपुर से हवाई सेवा शुरू करने की मांग सालों पुरानी है. भागलपुर के स्मार्ट सिटी घोषित होने के बावजूद इस ओर सरकार का ध्यान नहीं है. अब भागलपुर हवाई अड्डा शुरू करने की मांग फिर से जोड़ पकड़ने लगी है. यहां की समाजसेवी संस्था, सिल्क उद्योग से जुड़े व्यापारी और हवाई सेवा के पक्षधर युवा लगातार प्रधानमंत्री और उड्डयन मंत्रालय, सांसदों और राज्य सरकार को पत्र लिखकर दबाव बना रहे हैं. ट्वीटर पर हैशटैग (#BhagalpurNewAirport) के माध्यम से मांग की जा रही है.

यह भी पढ़ें- अधर में लटका भागलपुर हवाई अड्डे का काम, विभागीय अनदेखी के कारण हुआ ये हाल

भागलपुर से हवाई सेवा शुरू करने की मांग काफी पुरानी है. इसको लेकर सिल्क उद्योग से जुड़े हुए व्यवसायी भागलपुर से हवाई सेवा शुरू करने की मांग को लेकर दर्जनों बार पत्राचार कर चुके हैं. भागलपुर का सिल्क उद्योग सबसे बड़ा है. यहां के बने कपड़े विदेशों में अरबों रुपए कमाने में अग्रणी रहे हैं. विदेश के व्यापारी हवाई सेवा शुरू होने से सीधे भागलपुर आकर सिल्क की खरीदारी कर सकते हैं.

देखें वीडियो

इससे यहां के गरीब बुनकर बिचौलियों के हाथों का खिलौना बनने से निजात भी पा सकते हैं. इनकी माली हालत भी सुधर सकती है. इसलिए स्वयंसेवी संस्थाओं ने प्रधानमंत्री को सीधे पत्र लिखकर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है. वैसे सरकार की योजना है कि छोटे शहरों को छोटे हवाई जहाज से जोड़ा जाए. रोना इस बात का है कि हवाई अड्डा फिलहाल इस लायक नहीं कि यहां से छोटे या बड़े विमान उड़ान भर सकें. क्योंकि हवाई अड्डा गाय-भैंस चरने का अड्डा बन गया है.

बता दें कि भागलपुर से हवाई सेवा की मांग जोर पकड़ने की मुख्य वजह कई हैं. भागलपुर अंग्रेजों के समय से प्रमंडल का मुख्यालय रहा है. यहां सबौर में कृषि विश्वविद्यालय, तिलकामांझी विश्वविद्यालय पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल है. कहलगांव में एशिया महादेश का नंबर 3 एनटीपीसी है. पुरातात्विक विक्रमशिला विश्वविद्यालय है.

समुंद्र मंथन के वक्त से विराजमान बांका जिले के बोसी में मंदार पहाड़ है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहलगांव में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की और वह प्रस्तावित है. यहां डॉल्फिन सेंचुरी है. गरुड़ के अलावा विदेशी पक्षी अभी यहां प्रवास करते हैं. यही वजह है कि इन इलाकों में विदेशी सैलानियों का अक्सर आना जाना लगा रहता है.

'भागलपुर से हवाई सेवा शुरू हो उसको लेकर बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ को समझ में नहीं आ रहा है कि यहां से हवाई सेवा शुरू होने से किस तरह से लोगों को लाभ मिलेगा. साथ ही जिले में किस तरह से विकास होगा. हवाई सेवा शुरू हो जाने से सिल्क के कारोबार के अलावा स्वास्थ्य के लिए भी लोगों को लाभ मिलेगा. शिक्षा के क्षेत्र में भी विकास होगा. भागलपुर में हवाई सेवा शुरू नहीं होने से बड़े-बड़े उद्योग नहीं लग रहे हैं. यही वजह है कि यहां युवक बेरोजगार हैं. हम लोग समय-समय पर हवाई सेवा शुरू हो उसको लेकर मांग उठाते रहे हैं आगे भी उठाते रहेंगे.'-प्रदीप महिपाल, ट्विटर पर ट्रेंड चलाने वाले युवक

'भागलपुर से हवाई सेवा शुरू नहीं होना दुर्भाग्य की बात है. भागलपुर से हवाई सेवा शुरू हो उसको लेकर सोशल प्लेटफॉर्म पर हम लोगों ने ट्रेंड चलाया. लेकिन उसमें स्थानीय नेता, जनप्रतिनिधि और बड़े नेताओं का समर्थन नहीं मिला. जिस कारण ट्विटर पर ट्रेंड कम सफल हुआ. भागलपुर जिला पटना के बाद बिहार को सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिला है. बावजूद यह जिला पिछड़ा हुआ है. 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी हवाई अड्डे पर हवाई सेवा शुरू करने की घोषणा की थी. इसके बाद 2019 में भी प्रधानमंत्री ने चुनावी सभा के दौरान मंच से घोषणा की थी कि भागलपुर में हवाई सेवा शुरू होगी. लेकिन अब तक हवाई सेवा शुरू नहीं हुई है. हम लोग भागलपुर से हवाई सेवा शुरू हो उसको लेकर निरंतर मांग करते रहे हैं.'-सानू सिंह, ट्विटर पर ट्रेंड चलाने वाले युवक

'हमलोग भागलपुर से हवाई सेवा शुरू हो उसको लेकर मांग करते रहे हैं. नेता से लेकर मंत्री तक को पत्राचार करते रहे हैं. भागलपुर से हवाई सेवा शुरू होगी तो सिल्क उद्योग को पंख लगेंगे. सिल्क उद्योग फलेंगे फूलेंगे. यहां के बुनकरों की जो खस्ता हालत है, वह सुधरेगी. साथ ही राज्य को और देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त होगा. 1981 में जब यहां हवाई सेवा चल रही थी तो विदेश से सिल्क व्यापारी आते थे. यहां के सिल्क के कपड़े को खरीद कर लेकर जाते थे. जिससे देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती थी और बुनकरों को रोजगार भी मिलता था. लेकिन हवाई सेवा बंद होने से धीरे-धीरे सिल्क उद्योग भी अब मंदा होता जा रहा है. बुनकरों की हालत भी बद से बदतर होती जा रही है. बेरोजगारी बढ़ रही है. भागलपुर के सिल्क के बने कपड़े की मांग विदेशों में अधिक है और दाम भी अधिक मिलता है. इसलिए जरूरी है, भागलपुर में हवाई सेवा शुरू हो.'-हसनैन अंसारी, सिल्क व्यवसायी

बता दें कि उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक रनवे 3600 फुट लंबा और 102 फीट चौड़ा होना चाहिए. साथ ही इसके आसपास सड़क इमारत टैक्सी वे, रेस्ट हाउस, पैसेंजर यूनिट होना जरूरी है, जो यहां नहीं है. सन 1982 में इस हवाई अड्डे की अनुमानित लागत 1 करोड़ आंकी गई थी. उस वक्त खर्च की रकम ज्यादा समझी गई या फिर राज्य सरकार और उड्डयन मंत्रालय ने दिलचस्पी नहीं ली.

इसके बाद 1988 में भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री बने उन्होंने तब के भागलपुर प्रमंडल के कमिश्नर फूलचंद सिंह को फिर से प्रस्ताव भेजने की हिदायत दी. उन्होंने दोबारा आकलन कर हवाई अड्डा दुरुस्त करने की फाइल पटना भेजी. मगर मामला दब गया और कुछ नहीं हुआ.

संसद में भी इस विषय को भागलपुर से तत्कालीन सांसद रहे सैयद शाहनवाज हुसैन ने उठाया. तत्कालीन डीएम संतोष कुमार मल्ल ने हवाई अड्डे की चहारदीवारी करवाई. जानकारी दें कि हवाई अड्डा के पश्चिमी और दक्षिणी छोर पर बेतरतीब तरीके से रिहायशी मकान बने हैं. यहां की आबादी ने चहारदीवारी को जगह-जगह तोड़कर रास्ता बना डाला है. जिस कारण हवाई अड्डा का मैदान शौचालय बना हुआ है.

यहां बदबू और गंदगी फैली हुई है. हवाई अड्डा गाय-भैंस चराने का अड्डा बन गया है. कार-बाइक सीखने वालों के लिए ट्रेनिंग स्कूल बन चुका है. यहां सुबह-शाम दर्जनों की संख्या में कार और बाइक सीखते हुए लोग दिखाई देते हैं. हवाई अड्डा की देखभाल या साफ-सफाई के कोई इंतजामात नहीं हैं. समय-समय पर जब सरकारी हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर, मुख्यमंत्री या फिर राज्य के बड़े अफसर का यहां उतरना होता है. तो हिफाजत दुरुस्त नजर आती है. उस वक्त जानवर के झुंड भी भगा दिए जाते हैं. हवाई अड्डा को साफ कर दिया जाता है. लेकिन उनके जाने के साथ ही स्थिति बदतर हो जाती है.

हवाई अड्डा को तिलकामांझी पुलिस ने पकड़े गए बड़े वाहन को रखने का भी एक स्थल बना लिया है. जिले में हर वर्ष बाढ़ आती है. बाढ़ के कारण विस्थापित बाढ़ पीड़ितों के लिए हवाई अड्डा में हर वर्ष बाढ़ राहत शिविर और जानवरों के लिए राहत शिविर भी बना दिया जाता है. जिससे हवाई अड्डा तबेले में तब्दील हो जाता है.

यह भी पढ़ें-नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने CM नीतीश को लिखा पत्र, गया एयरपोर्ट के लिए मांगी जमीन

ABOUT THE AUTHOR

...view details