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भागलपुर: कूड़ा वाहनों को नहीं मिला डीजल, सफाई व्यवस्था ध्वस्त - नगर आयुक्त जे प्रियदर्शनी

भागलपुर नगर निगम की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने के कगार पर है. सफाई में लगे ऑटो ट्रिपर और ट्रैक्टर समेत कूड़ा वाहनों में ईंधन आपूर्ति नहीं की गई, जिस कारण कूड़ा उठाने में इस्तेमाल होने वाले आधे से अधिक वाहन नहीं निकल सके.

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भागलपुर कूड़ा वाहन

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Published : Feb 5, 2021, 6:57 PM IST

भागलपुर: नगर निगम की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने के कगार पर है. गुरुवार से सफाई में लगे ऑटो ट्रिपर और ट्रैक्टर समेत कूड़ा वाहनों में ईंधन आपूर्ति नहीं की गई, जिस कारण कूड़ा उठाने में इस्तेमाल होने वाले आधे से अधिक वाहन नहीं निकल सके, जिससे शहर में अब कूड़े का ढेर लगने शुरू हो गए हैं.

पेट्रोल पंप मालिक ने उधार देने के किया इनकार
गुरुवार को कूड़ा उठाव के लिए 5 ट्रैक्टर और 40 ऑटो ट्रिपर में से केवल दो निकले. शेष गाड़ी नगर निगम के गोदाम में खड़ी रही. इंधन के अभाव में कूड़ा वाहन जहां-तहां खड़े हो गए. ड्राइवर गाड़ी शहर में निकलने से डर रहे हैं. उन्हें आशंका है कि कहीं बीच सड़क पर ही डीजल न खत्म हो जाए. पेट्रोल पंप के मालिक ने डीजल उधार देने से मना कर दिया है.

देखें रिपोर्ट

प्रभारी नगर आयुक्त के पास नहीं पैसे खर्च करने का अधिकार
गौरतलब है कि नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शनी का ट्रांसफर हो जाने के बाद से 33 दिनों से प्रभारी नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा से भागलपुर नगर निगम का काम चल रहा है. प्रभारी नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा के पास वित्तीय प्रभार नहीं दिया गया है. इसके कारण वित्तीय लेनदेन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. इसका असर शहर की सफाई व्यवस्था पर भी अब पड़ने लगा है. शहर के गली-मोहल्ले में कूड़े का अंबार लग गया है. सड़क और नाला कूड़े से बजबजा रहा है. घर से कूड़ा संग्रहण और सड़क पर बिखरे पड़े कूड़े का समुचित उठाव भी नहीं हो रहा है.

नगर आयुक्त के तबादले के चलते हुई परेशानी
प्रभारी नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि जनवरी माह का डीजल का पैसा पेट्रोल पंप को दिया गया है. फरवरी माह में अब तक इसलिए नहीं दिया जा सका कि नगर आयुक्त के तबादले के बाद से वित्तीय प्रभार प्रभारी नगर आयुक्त को नहीं मिला है. इस कारण डीजल के पैसे का भुगतान नहीं किया जा सका है.

प्रभारी नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा

"जब तक वैकल्पिक व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं कर दी जाती तब तक पेट्रोल पंप के मालिक को मानवता के आधार पर पेट्रोल देना था. भुगतान नगर निगम द्वारा किया जाना है. थोड़ा विलंब होगा, लेकिन भुगतान तो अवश्य किया जाएगा. पेट्रोल पंप मालिक से ऐसा कोई एग्रीमेंट नहीं है जिससे हमलोग दबाव डालकर डीजल मांग कर सकें. इसलिए उनसे आग्रह ही कर सकते हैं कि जब तक वित्तीय पावर नहीं मिल जाता तब तक डीजल दें."- सत्येंद्र वर्मा, प्रभारी नगर आयुक्त, भागलपुर

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रुक गए विकास कार्य
गौरतलब है कि भागलपुर नगर निगम के नगर आयुक्त प्रदर्शनी के तबादले के साथ ही दर्जनों विकास कार्य रुक गए हैं. पहले किए गए काम का भुगतान नहीं किया गया है. विकास कार्य में लगे संवेदक के लगभग 10 करोड़ रुपए बकाया हैं. पुरानी योजनाओं पर जो काम हो रहा था वह भी अब बंद हो गया है. 50 नई योजनाओं पर काम शुरू नहीं हो सका है. इसके लिए एग्रीमेंट की प्रक्रिया होनी थी. नगर आयुक्त के नहीं रहने के कारण यह अब तक नहीं हो सका है. समय अधिक हो जाने पर पुराना टेंडर रद्द भी हो सकता है. हालत यह है कि ब्लीचिंग पाउडर और फिटकरी का स्टॉक भी कम हो गया है. पहले की गई आपूर्ति का भी अबतक भुगतान भी नहीं हुआ है.

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