भागलपुरःगंगा किनारे बसे बिहार का प्राचीन शहर भागलपुर अंग प्रदेश के नाम से भी जाना जाता था. अंग प्रदेश की पूरे देश में एक अलग पहचान रही है. भागलपुर के गंगा तट के पास बसा राधा कृष्ण का प्राचीन मंदिर भी है. जो काफी वर्षों पूर्व बाबू ब्रजमोहन ठाकुर के द्वारा निर्माण कराया गया था. वर्तमान में इस मंदिर का रखरखाव नहीं होने की वजह से यह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गई है. कई सालों से उपेक्षा की मार झेल रहे राधा कृष्ण का प्राचीन मंदिर अनूठी कलाकृति की मिसाल भी है.
गंगा किनारे है राधा-कृष्ण की यह प्राचीन मंदिर, बदहाली के कारण खो रहा पहचान - प्राचीन मंदिर
मंदिर के पुजारी सदानंद का कहना है कि जो इसके केयरटेकर हैं, वह दूसरे को जीर्णोद्धार की इजाजत नहीं देते है.
राधा कृष्ण को देखने उमड़ती है भीड़
काफी दिनों से मंदिर की देख-रेख कर रहे सदानंद का कहना है जिन का मंदिर वह किसी और इससे मदद नहीं लेना चाहते. और ना ही खुद मंदिर का जीर्णोद्धार कर रहे हैं. मंदिर तकरीबन 200 वर्षों से ज्यादा पुराना है और हर पूर्णिमा में श्रद्धालुओं की भीड़ राधा कृष्ण को देखने के लिए उमड़ पड़ती है. विगत 2 वर्षों से पूजा कर रहे लोगों का कहना है इतनी अनूठी कलाकृति से सुसज्जित राधा और कृष्ण का मंदिर आस-पास में कहीं भी नहीं है. इसलिए यहां पर गंगा स्नान के बाद लोग राधा-कृष्ण की पूजा करते हैं और अदभुत कलाकृति का दर्शन भी करते हैं.
केयरटेकर जीर्णोद्धार की नहीं देते इजाजत
पुजारी सदानंद का कहना है कि जो इसके केयरटेकर हैं, वह दूसरे को जीर्णोद्धार की इजाजत नहीं देते है. उनका कहना है जब मुझे किसी और के सहयोग की आवश्यकता नहीं है. आसपास के लोग इस मंदिर की अवस्था को लेकर काफी चिंतित हैं कि ऐसी अनूठी कलाकृति से निर्मित मंदिर का जीर्णोद्धार की काफी जरूरत है. इसे भागलपुर की एक विरासत के तौर पर सहेज के रखा जा सकता है.