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कोऑपरेटिव बैंक में 55 लाख रुपये का घोटाला, आरोपियों पर अब तक नहीं हुई FIR

दी भागलपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड से 55 लाख रुपये का घोटाला का मामला सामने आया है. जिसमें 11 अफसरों और कर्मी दोषी पाए गए हैं. लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी और कर्मी पर एफआईआर दर्ज नहीं कराया जा सका है.

दि भागलपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
दि भागलपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड

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Published : Feb 5, 2021, 10:48 AM IST

Updated : Feb 5, 2021, 11:25 AM IST

भागलपुर:बिहार सरकार के माध्यम से बनाए गए एक विशेष कमेटी भागलपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के ऑडिट में 55 लाख रुपये का गबन का मामलासामने आया है. माइग्रा जांच कमेटी के माध्यम से विशेष अंकेक्षण के बाद 11 अफसरों और कर्मी दोषी पाए गए हैं. सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार के निर्देश पर सभी आरोपियों पर FIR करने के लिए दी सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सह जिला सहकारिता पदाधिकारी मोहम्मद जैनुल आबदीन अंसारी को निर्देश दिया गया है.

लेकिन 25 तारीख को निर्देश प्राप्त होने के बावजूद भी अभी तक किसी आरोपियों पर एफआईआर नहीं किया गया है. हालांकि जिला सहकारिता पदाधिकारी के अनुसार, निर्देश मिलने के 5 दिनों के बाद उन्होंने राशि के गबन मामले में चिन्हित किए गए आरोपियों पर एफआईआर करने के आदेश को निर्गत किया है.

देखें रिपोर्ट.
11 दोषियों पर कार्रवाई करने का आदेशसहकारिता विभाग के निर्देश पर दी भागलपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की माइक्रा का स्पेशल ऑडिट कराया गया. जॉइंट रजिस्ट्रार ऑडिट सहयोग समितियां प्रमंडल के माध्यम से स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट को सबमिट करने के बाद विभाग के संज्ञान में आया. भागलपुर की दो और बांका के तीन शाखाओं में धनराशि की गबन की बात सामने आई है. विशेष अंकेक्षण टीम माइग्रा की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 54,90,612 रुपये के गबन का मामला सामने आया है. राशि के गबन के मामले में लगभग 11 अफसरों और कर्मियों को दोषी पाया गया है. जिसकी रिपोर्ट को अंकेक्षण विभाग के माध्यम से समर्पित किया गया है. सभी 11 दोषियों पर कार्रवाई करने का आदेश प्राप्त हुआ है.

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विभागीय कार्रवाई की जताई जा रही संभावना
विशेष अंकेक्षण में आरोपी पाए गए 11 अधिकारियों और कर्मियों की परेशानी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. एफआईआर होने के बाद दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की भी संभावना जताई जा रही है. लेकिन 25 जनवरी को संयुक्त निदेशक के प्राप्त निर्देश के बावजूद भी अभी तक किसी भी दोषियों पर एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है. निर्देश मिलने के बावजूद जिला सहकारिता पदाधिकारी के माध्यम से आरोपियों के विरुद्ध देर से एफआईआर के आदेश को लेकर मामला ज्यादा संदिग्ध नजर आ रहा है. अभी तक विशेष अंकेक्षण में दोषी पाए गए किसी भी अधिकारी और कर्मी पर एफआईआर दर्ज नहीं कराया जा सका है.

Last Updated : Feb 5, 2021, 11:25 AM IST

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