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सिस्टम ने नहीं सुनी गुहार, ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से शुरू की सड़क की मरम्मत

बेगूसराय जिले में कई वर्षों से जर्जर पड़ी सड़क का निर्माण ग्रामीणों ने भगवती पूजा समिति से मिलकर शुरू किया. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन और विधायक से भी गुहार लगाया गया, लेकिन किसी ने नहीं बनवाया. इस लिए हमें यह कदम उठाना पड़ा.

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ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से शुरू की सड़क की मरम्मत.

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Published : Jul 9, 2020, 9:35 PM IST

बेगूसराय: बिहार के मुखिया अपने हर भाषण में गली मोहल्लों में सड़क निर्माण करने की ढोल पीट रहे हैं, लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत नहीं बदली है. सड़कों की बदहाली से परेशान ग्रामीण खुद ही सड़कों की मरम्मत कर चलने योग्य बनाने को मजबूर हैं .

जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर है यह गांव

दरअसल बेगूसराय जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर चेरिया बरियारपुर विधानसभा के कुम्भी गांव की सड़कें पिछले कई वर्षों से गड्ढे में तब्दील हैं . इसको लेकर गांव के लोगों ने भगवती पूजा समिति टीम के साथ मिलकर सड़कों की मरम्मती शुरू कर दी.

आए दिन होती हैं सड़क दुर्घटनाएं

स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क पर जलजमाव से हम लोगों को गांव से बाहर निकलने में भी परेशानी होती है. साथ ही सड़क में बने बड़े गड्ढों के कारण आए दिन सड़क दुर्घटना से लोगों को दो-चार होना पड़ता है. उन्होंने बताया कि यह सड़क खोदाबंदपुर प्रखंड एवं गढ़पुरा प्रखंड को जोडऩे वाली मुख्य पथ है . इसी रास्ते से दर्जनों गांवों के सैकड़ों लोग सहाजितपुर और प्रखंड मुख्यालय बनियापुर तक पहुंचते हैं.

ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से शुरू की सड़क की मरम्मत.
कई बार विधायक और प्रशासन से किया गया अनुरोधग्रामीणों ने बताया कि हमलोगों के द्वारा कई बार प्रशासन और विधायक मंजू वर्मा को को उक्त सडक़ की मरम्मती के लिए गुहार लगाया गया, लेकिन किसी ने नहीं बनवाया. मंजू वर्मा पिछले 10 सालों से चेरिया बरियारपुर की विधयाक हैं.ग्रामीणों ने शुरू किया कामप्रशासन की ओर से कोई तवज्जो नहीं मिलने के कारण गांव के भगवती पूजा समिति कुंभी के सदस्यों ने सड़क पर दुर्घटनाओं से बचने और सकून से चलने के लिए मरम्मती का कार्य करने का निर्णय लिया. मुखिया उमेश शर्मा ने बताया ईंट पिकेट से गढ्ढे को भरकर रोलिंग कर सड़क चलने लायक बनाया जा रहा है.

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