बेगूसरायः 2015 में सत्ता में आते ही सीएम नीतीश कुमार ने पूरे प्रदेश में शराबबंदी की घोषणा की थी. इसे उनकी महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक मानी जाती है. लेकिन शराबबंदी की घोषणा से लेकर आज तक शराब का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है. नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना में उनके ही प्रशासन के लोग कैसे पलीता लगा रहे हैं, इसकी बानगी बेगूसराय में देखने को मिली.
पुलिस की मिलीभगत उजागर
जिले के चेरिया बरियारपुर में खुलेआम देसी शराब का निर्माण और बिक्री हो रही है. अवैध शराब के निर्माण और बिक्री में संलिप्त एक कारोबारी ने पहचान जाहिर नहीं करने के शर्त पर इस गोरखधंधे में पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत को उजागर किया है.
कारोबारी ने बताया कि उसे कानून का कोई खौफ नहीं है. पुलिस उसका कुछ नहीं कर सकती. वह इस अवैध कारोबार के लिए चेरिया बरियारपुर थाने को मैनेज किए हुए हैं, इसके लिए पुलिस को पैसा देते हैं.
इस पुलिसकर्मी के माध्यम से होता है थाना मैनेज
यहां तक की कारोबारी ने थाने के पुलिसकर्मी का नाम लेकर बताया कि उसके माध्यम से पूरा थाना मैनेज है. उसने बताया कि शराब के निर्माण और बिक्री के लिए पुलिसकर्मी भीम पासवान को पैसे दिए जाते हैं और उसके माध्यम से पूरा थाना मैनेज है.
बता दें कि यह इलाका थाने में मजह 3 किमी की दूरी पर है और कारोबारी ने दावा किया कि इस क्षेत्र में कई लोग देसी शराब के निर्माण और बिक्री में धंधे में लगे हुए हैं. गोरतलब है कि इसी सप्ताह एसपी अवकाश कुमार ने शराब माफियाओं से सांठगांठ के आरोप में मंझौल ओपी अध्यक्ष सुबोध कुमार और दारोगा सुरेश कुमार को निलंबित किया था. फिर भी जिले में कारोबार धमने का नाम नहीं ले रहा है.