बेगूसराय : बिहार में लोक आस्था का महापर्व छठ शनिवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद किए गए पारण के साथ ही समाप्त हो गया. ईटीवी भारत ने इस महापर्व के अलौकिक संगम की तस्वीरें आपको दिखाई. अब हम आपको गंगा-जमुनी तहजीब से जुड़ी एक मुस्लिम परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं. जो एक दो साल से नहीं, बल्कि 13 सालों से छठ पूजा कर रहा है.
2008 में मां छठी से मांगी गई मन्नत पूरी होते ही जमीला खातून ने व्रत रखना शुरू किया. जो आज तक अनवरत जारी है. बेगूसराय के छौड़ाही प्रखंड के सिहमा गांव निवासी जमीला और उसका परिवार पूरे विधि विधान के साथ इस पर्व को मनाता है. इस बार ये उनका 13वां छठ महापर्व था, जिसे उन्होंने पूरी आस्था के साथ मनाया.
सामाजिक सौहार्द की मिसाल
छठ को किसी धर्म के बंधन में बांध कर नहीं रखा जा सकता. आस्था, विश्वास और सामाजिक सरोकार के महापर्व को मनाते हुए जमीला और उनका परिवार इसे चरितार्थ करता है. सामाजिक सौहार्द की मिसाल बनी जमीला नहाय-खाय, खरना और संध्या अर्घ्य, प्रात: कालीन अर्घ्य को पूरे विधि विधान से करती हैं. इस काम ने उनके परिवार के सदस्य ही नहीं, पड़ोसी भी उनका पूरा साथ देते हैं. गांव भर की एकता देखते ही बनती है.