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बेगूसराय: किसान बिल के विरोध में CPI के कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

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Published : Sep 23, 2020, 3:32 AM IST

अनिल कुमार अंजान ने कहा की सरकार की गलत नीतियों के कारण आज उद्योग धंधा चौपट हो चुका है और मुट्ठी भर औद्योगिक घरानों को लूट का चस्का लग गया है. इसी के फल स्वरूप इस बिल के माध्यम से खेती को घाटे में डालकर किसानों से जमीन छीन ली जाएगी और फिर कुछ कॉरपोरेट घरानों का जमीदारी प्रथा की तरह राज चलेगा.

Begusarai
किसान बिल के विरोध में CPI के कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

बेगूसराय:भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल के विरोध में मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला कार्यालय में धरना दिया गया. कॉमरेड राम प्रवेश सिंह की अध्यक्षता में आयोजित धरने को संबोधित करते हुए जिला सचिव अनिल कुमार अंजान ने सरकार पर कई आरोप लगाए है. उन्होंने कहा कि देश में फिर से फिरंगीयों का राज स्थापित करने के उद्देश्य से यह कृषि बिल लाया गया है, उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग उस दौर में भी अंग्रेजों के पक्षधर थे और आज भी उन्हीं की नीतियों को देश में स्थापित करना चाहते हैं.

मुट्ठी भर औद्योगिक घरानों को लग गया है लूट का चस्का

अनिल कुमार अंजान ने कहा की सरकार की गलत नीतियों के कारण आज उद्योग धंधा चौपट हो चुका है और मुट्ठी भर औद्योगिक घरानों को लूट का चस्का लग गया है. इसी के फल स्वरूप इस बिल के माध्यम से खेती को घाटे में डालकर किसानों से जमीन छीन ली जाएगी और फिर कुछ कॉरपोरेट घरानों का जमीदारी प्रथा की तरह राज चलेगा. उन्होंने कहा कि खेती से लेकर बाजार तक इनका एकाधिकार स्थापित हो जाएगा, जिसके बाद सामान की कीमतें भी वही तय करेंगे और पहले से बर्बाद निम्न और मध्यम वर्ग को ओर भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

किसान संगठनों द्वारा भारत बंद का किया समर्थन

वहीं, इस मौके पर नगर परिषद के मंत्री कॉमरेड शंभू देवा ने कहा कि भंडारण सीमा पर से रोक हटा देने का मतलब है कि बड़ी मछली को छोटी मछली को निगलने की खुली छूट दे देना. उन्होंने कहा कि घोषित न्यूनतम निर्धारित मूल्य पर जब किसानों का गल्ला कोई लेने वाला आज के तारीख में नहीं है, तो फिर इसको समाप्त करने का अर्थ है आ बैल मुझे मार. उन्होंने कहा कि कृषक संगठनों द्वारा आहूत 25 सितंबर को भारत बंद का हम ना सिर्फ समर्थन करते हैं, बल्कि आंदोलन में भी अपने साथियों के साथ भाग लेंगे. वहीं, अपनी मांगों से संबंधित तख्तियां हाथ में लेकर कृषि बिल के विरोध में नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं ने आगे भी इस आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया.

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