बेगूसराय:राहत पैकेज के नाम पर निजीकरण को बढ़ावा देने और प्रवासी मजदूरों की लगातार मौत और क्वारंटाइन सेंटर के नाम पर यातना गृह चलाए जाने के विरोध में अपने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत सीपीएम ने एकदिवसीय धरना दिया. पार्टी कार्यालय में आयोजित धरना कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हाथों में बैनर लेकर सरकार विरोधी नारे लगाए.
प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर बेगूसराय में भाकपा माले का एकदिवसीय धरना
मंगलवार को सीपीएम ने एकदिवसीय धरना दिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र सरकार राहत पैकेज के नाम पर निजीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने का काम कर रही है. यह कृत्य लोकतंत्र का गला घोंटने के समान है.
क्वारंटाइन के नाम पर यातना गृह चलाने का आरोप
जिले में मंगलवार को सीपीएम द्वारा एकदिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र सरकार राहत पैकेज के नाम पर निजीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने का काम कर रही है. यह कृत्य लोकतंत्र का गला घोंटने के समान है. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के कारण ही प्रवासी मजदूरों की लगातार मौत हो रही है. साथ ही कार्यकर्ताओं ने क्वारंटाइन सेंटर के नाम पर यातना गृह चलाने का आरोप भी लगाया.
मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार
कार्यकर्ताओं का कहना है कि आर्थिक पैकेज छलावा के अलावा कुछ नहीं है. विभिन्न प्रकार के संकटों से जूझ रहे प्रवासी मजदूर और अन्य तरह के कामकाजी तबके के लोगों को सरकार ने झटका देने का काम किया है. भाकपा माले की ओर से आयोजित धरना कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने जहां, मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, हाथों में तख्ती लेकर अपना विरोध भी दर्ज कराया. सीधे तौर पर कार्यकर्ताओं ने मजदूरों के इस हालात के लिए मोदी सरकार को दोषी ठहराया.