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बांका में शिक्षक और शिक्षिका गिरफ्तार, फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने का आरोप - etv bharat news

बांका में दो शिक्षकों को फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी करते हुए गिरफ्तार किया गया है. दोनों के पास कोई भी वैध प्रमाणपत्र नहीं है. जांच के दौरान उन शिक्षकों का दसवीं का प्रमाण भी फर्जी मिला है. पढ़ें पूरी खबर.

बांका में दो फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया
बांका में दो फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया

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Published : Aug 21, 2022, 1:36 PM IST

बांका:बिहार केबांका में दो फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया (Two Fake Teachers Arrested In Banka) है. जिले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने वाले दो शिक्षकों पर कटोरिया प्रखंड में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. बताया जाता है कि इन शिक्षकों के पहले चांदन से भी एक फर्जी शिक्षक की गिरफ्तारी की गई.

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दो फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज : निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Surveillance Investigation Bureau Arrested Fake Teachers In Banka) के पुलिस निरीक्षक विपिन कुमार ने जयपुर थाना क्षेत्र (Jaipur Police Station Area) में शुक्रवार को दो शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराया है. जयपुर थानाध्यक्ष मुरली कुमार साह ने प्रोन्नत मध्य विद्यालय कानीबेल के शिक्षक चंद्र मोहन यादव और मध्य विद्यालय केरवार की शिक्षिका नीलम कुमारी को शनिवार को विद्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया. जानकारी के अनुसार दोनों शिक्षकों पर थानाध्यक्ष ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है. दोनों शिक्षकों की भर्ती साल 2006 में नियोजन के आधार पर हुई थी.

पटना हाइकोर्ट ने दिया मौका: गौरतलब हो कि पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) ने कुछ साल पहले फर्जी आधार पर नियुक्त हुए शिक्षकों को खुद से त्यागपत्र देने का अवसर दिया था. लेकिन कुछ फर्जी शिक्षक कोर्ट के आदेश का अवमानना करते हुए नौकरी करते रहे. जब निगरानी ने इन शिक्षकों का मैट्रिक के अंकपत्र का जांच किया तो अंकपत्र फर्जी पाया गया. इस आधार पर जयपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई और दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया.

वहीं इन दोनों शिक्षकों की गिरफ्तारी के बाद फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है. आशंका जताई जा रही है कि अभी और फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कटोरिया प्रखंड में है. जिनके पास कोई भी वैध प्रमाण पत्र मौजूद नहीं है, इसके बावजूद भी त्यागपत्र नहीं दे रहे हैं. जिसमें ज्यादातर शिक्षक विकलांगता प्रमाण पत्र पर फर्जी तरीके से कार्यरत है.

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