बांका: कोरोना वायरस के कारण पूरे राज्य में लॉकडाउन लागू है. जिसकी वजह से अनाज को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच बिहार सरकार ने सभी राशनकार्ड धारक को 3 महीने तक दोगुना राशन देने की घोषणा की है. जिले में कहीं चावल मिल रही है तो कहीं लोग डीलर की मनमानी का शिकार हो रहे हैं. वहीं, कई प्रखंडों में लाभुकों ने चावल की गुणवत्ता खराब रहने की शिकायत की है.
चावल की गुणवत्ता को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद बिहार राज्य खाद्य निगम ने जांच के लिए पटना से नोडल पदाधिकारी अजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम भेजी है.
चावल की जांच करते अधिकारी गोदाम में रखे चावल की जांच
पटना से आई टीम ने जिला मुख्यालय सहित एसएफसी के अन्य गोदाम में रखे चावल की जांच की है. नोडल पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि चावल की गुणवत्ता की जांच कई मानकों पर की जाती है. बांका के एसएफसी गोदाम में जो चावल रखा है, उसकी गुणवत्ता संतोषप्रद है. बिहार के विभिन्न जिलों से चावल की गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी. जहां से अधिक शिकायतें मिली, उन जिलों में जांच शुरू की गई है.
कालाबाजारी को लेकर नहीं मिली सूचना
नोडल पदाधिकारी अजय कुमार ने कहा कि जांच के क्रम में चावल के स्टॉक से गोदाम में रखरखाव का भी बारीकी से अध्ययन किया गया है. स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया है. जिले में चावल का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है.
उन्होंने कहा कि बांका जिले से कालाबाजारी को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है. अगर कालाबाजारी का मामला बिहार राज्य खाद्य निगम के संज्ञान में आता है, तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. स्थानीय अधिकारियों को कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.