बांकाः सरकार ने अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिए डीलरों को ई-पॉश मशीन का उपयोग करने का निर्देश दिया है. लेकिन कुछ जगहों पर मशीन की वजह से उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई जगहों पर सर्वर स्लो रहने की वजह से किसी ग्राहक का अंगूठा मैच नहीं हो पाता है, तो कहीं आंखों की रेटिना स्कैनिंग नहीं हो पाती है. वहीं, कई बार मशीन की लिस्ट में उपभोक्ता का नाम ही नहीं रहता है. ऐसे में उपभोक्ताओं को अपना राशन लेने में काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है.
डीलरों के लिए परेशानी का सबब बना ई-पॉश मशीन, लाभुकों को नहीं मिल पा रहा राशन - बांका
डीलर अश्वनी कुमार ने बताया कि जब से ई-पॉश मशीन आया है. तब से ग्राहक और डीलरों की परेशानी बढ़ गई है. मशीन को दिनभर चार्ज में लगाकर काम करना पड़ता है. फिर भी सर्वर काम नहीं करता है.
ई पॉश मशीन
मशीन को ट्रैक करने के लिए लगाया गया है सिम
ई-पॉश मशीन में क्षेत्र के ग्राहकों की सूची दी गई है. मशीन में सभी उपभोक्ताओं का आधार कार्ड लिंक है. यह मशीन चार्जेबल और मोबाइल फोन की तरह काम करती है. इसमें सरकार की ओर से सिम भी लगाया गया है. जिससे मशीन को ट्रैक किया जा सकता है. इसमें राशन कार्ड होल्डर के एक भी सदस्य बायोमैट्रिक्स के माध्यम से मैच कर जाता है, तो सभी मेंबर को राशन दिया जाता है.
ई-पॉश मशीन की वजह से ग्राहकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. अनाज लेने पहुंची एक लाभुक ने बताया कि पहले समय पर मैनुअल तरीके सभी को राशन मिल जाता था. जब से सरकार की ओर से ई-पॉश मशीन लागू किया गया है. तो कभी सर्वर नहीं मिलता है, तो कभी अंगूठे का स्कैन नहीं हो पाता है. लोगों का कहना है कि यदि सरकार अगर उचित सर्वर उपलब्ध कराए तो उपभोक्ताओं को अनाज समय पर मिल सकेगा और परेशानी भी कम होगी.
डीलर अश्वनी कुमार ने बताया कि जब से ई-पॉश मशीन आया है. तब से ग्राहक और डीलरों की परेशानी बढ़ गई है. मशीन को दिनभर चार्ज में लगाकर काम करना पड़ता है. फिर भी सर्वर काम नहीं करता है. मशीन में जीपीआरएस दिया गया है. जो लिंक फेल रहने के कारण कनेक्ट नहीं हो पाता है. ऐसे में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.