अरवल: जिला विधिक सेवा प्राधिकार अरवल के तत्वाधान में करपी प्रखंड के रामपुर चाय गांव में जरूरतमंद के बीच राहत सामग्री का वितरण किया गया. कोरोनावायरस की महामारी से निपटने के लिए न्यायाधीशों की ओर से उठाया गया यह कदम काफी सराहनीय है. अरवल के सब जज प्रथम कृष्ण कुमार चौधरी ने बताया कि मानव धर्म में जरूरतमंद और गरीबों की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है.
'पूरा विश्व कोरोना से परेशान'
कृष्ण कुमार चौधरी बताया कि कोविड-19 से पूरा विश्व परेशान हो गया है. जिसके कारण बड़े पैमाने पर लोगों को खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है. उन्होंने बताया कि अरवल-औरंगाबाद जिले की सीमा पर स्थित रामपुर से गांव में सैकड़ों जरूरतमंद गरीब महादलित परिवारों के बीच राशन का वितरण विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा किया गया है.
'सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जरूरी'
सब जज ने सोशल डिस्टेंसिग और मास्क को जरूरी बताते हुए कहा कि कोविड-19 से बचने के लिए सबसे बड़ा बचाव जागरुकता ही है. सोशल डिस्टेंस के साथ-साथ चेहरे पर मास्क लगाकर ही बाहर निकालना जरूरी हो गया है. अभी तक कोविड-19 का कोई भी दवा या वैक्सीन नहीं निकल पाया है. इस वजह से लोगों को खुद जागरूक होने की जरूरत है. लोग स्वत: जागरूक भी हों और समाज के अनपढ़ गरीब लोगों को भी कोविड-19 के प्रति जागरूक करें. क्योंकि जागरुकता ही सबसे बड़ा बचाव है. उन्होंने कहा कि समाज में राजनीतिक दलों और समाजसेवियों को आगे आकर लोगों की सेवा करने की जरूरत है. अभी सबसे बड़ी परेशानी प्रवासी बिहारी मजदूरों की हो गई है.
'लोगों में बढ़ रही है जागरुकता'
जिला विधिक प्राधिकार सेवा अरवल के तत्वाधान में सैकड़ों जरूरतमंद एवं गरीबों के बीच राशन का वितरण किया गया. लोगों को जागरूक करते हुए अरवल के सभी न्यायाधीशों ने कहा कि कोविड-19 के प्रति लोगों में जागरुकता हो गई है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान समय में चेहरे पर मास्क और हाथ को नियमित समय पर धोना अनिवार्य है. जागरूकता, सतर्कता और सजग रह कर ही इस वायरस से बचा सकता है. इस मौके पर सब्जेक्ट तृतीय माधवेंद्र सिंह, सब जज चतुर्थ राकेश कुमार राकेश, न्यायाधीश आशीष कुमार अग्निहोत्री समेत व्यवहार न्यायालय से जुड़े कई न्यायाधीश उपस्थित रहे.