अररिया:जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की अररिया शाखा ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक कर ज्वलंत मुद्दों पर विशेष चर्चा की. मरकजी जमा मस्जिद में आयोजित बैठक में जमीयत के जिम्मेदारों ने हिस्सा लेकर अपने विचार रखे, जिनमें मुख्य रूप से दहेज, नशाबंदी और हाल में वसीम रिजवी ने जो पवित्र ग्रंथ कुरआन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है उसपर मौजूद लोगों ने अपनी राय दी. बैठक की अध्यक्षता जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के जिला अध्यक्ष डॉ आबिद हुसैन की. कार्यक्रम का निर्देशन महासचिव मुफ्ती मुहम्मद अतहर अल-कासमी ने किया. बैठक की शुरुआत तिलावते कुरान से हुई.
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वसीम रिजवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग
बैठक में तीन अहम मुद्दे पर बातें हुईं, जिनमें वसीम रिजवी के जरिए कुरआन के विरुद्ध दाखिल किए गए याचिका को सुप्रीम कोर्ट से खारिज करने और उसके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का मुतालबा किया गया. दहेज प्रथा और नशा की रोकथाम के लिए आंदोलन चलाने का फैसला लिया गया.
जमीयत के जिला अध्यक्ष डॉ आबिद हुसैन ने बताया कि आज समाज में जिस तरह से दहेज प्रथा हावी हो रही है इससे सभी मजहब की लड़कियों की शादी में बड़ी परेशानी पैदा हो रही हैं. दहेज नहीं दे सकने की वजह से कई लड़कियां अपने घरों में कुंवारी बैठी हैं. उन्होंने बताया कि आज नशे की गिरफ्त में पड़कर युवा वर्ग रास्ते से भटक रहे हैं. इसलिए हमारे जिम्मेदार सदस्यों ने निर्णय लिया है कि गांव-गांव जाकर लोगों को इस गंभीर मुद्दे के प्रति जागरूक करेंगे ताकि समाज से दहेज और नशा को समाप्त किया जा सके.
जमीयत के महासचिव मुफ्ती मुहम्मद अतहर अल-कासमी ने बताया कि वसीम रिजवी इस्लाम का दुश्मन है. इस्लाम विरोधी ताकतों का एजेंट है. इसने जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है उसे सरकार जल्द वापस करे. इससे देश की अखंडता को खतरा है. इसके जैसे लोग देश की गंगा जमुनी तहजीब को बिगाड़ना चाहते हैं. इस पर देशद्रोह का मामला दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए.