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Fertilizer Crisis in Araria: ठंड में घंटों लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिलती खाद, किसान परेशान - Fertilizer shortage in Bihar

बिहार में ठंड कहर बरपा रही है. लोग ठिठुर रहे हैं. पर किसानों का क्या, वो आज भी इस ठंड में ठिठुरकर खाद लेने के लिए मजबूर दिखते हैं हैं. अररिया में खाद की कमी (Fertilizer shortage in Araria) से किसान मुश्किल में हैं. पढ़ें पूरी खबर..

अररिया में खाद की किल्लत से किसान परेशान
अररिया में खाद की किल्लत से किसान परेशान

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Published : Dec 22, 2022, 5:51 PM IST

अररियाः दिसंबर महीने का अंतिम सप्ताह है. ठंड रंग दिखा रही है. वहीं बिहार के अररिया में खाद नहीं मिलने से किसान परेशान(Farmers upset due to shortage of fertilizers) हैं. आलम यह है कि किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. वो देर रात से ही लाइन लगाकर खाद का इंतजार करते दिखाई पड़ते हैं. दिनभर खाद दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रहती है. पर विडंबना यह है कि पूरे दिन कतार में खड़े रहने के बावजूद खाद नहीं मिल पा रहा है. इस कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ने लगी है. लोग खाद की काला बाजारी का आरोप लगा रहे हैं. साथ ही खाद की कमी से फसल प्रभावित होने का डर सताने लगा है.

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खाद की कमी से रबी फसल प्रभावितःशहर में खाद दुकानों पर अफरा तफरी की स्थिति बनी है. सुबह होते ही किसान दुकान पर आ धमकते हैं. इस पर बीजेपी के नगर अध्यक्ष रजत सिंह ने कहा कि बिहार में किसान खाद की कमी से परेशान हैं और नीतीश सरकार पूरी निंद्रा में सो रही है. किसानों को रबी की मकई और गेंहू की फसल में खाद के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार कर आरोप लगया की सरकार को किसानों की चिंता नही है. बिचौलियों द्वारा खाद दुकानदार के मिली भगत से खाद की कालाबाजारी की जा रही है.

"बिहार में किसान खाद की कमी से परेशान हैं और नीतीश सरकार पूरी निंद्रा में सो रही है. किसानों को रबी की मकई और गेंहू की फसल में खाद के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है. बिचौलियों द्वारा खाद दुकानदार के मिली भगत से खाद की कालाबाजारी की जा रही है"- रजत सिंह, नगर अध्यक्ष, बीजेपी

खाद की तस्करी का आरोपः कुछ किसानों का कहना है कि खाद माफियाओं द्वारा खाद की तस्करी की जा रही है. बताया कि लगातार खाद की किल्लत बताकर बड़े-बड़े सेठ साहूकार व दुकानदार खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं. बॉर्डर सीमा क्षेत्र होने के कारण खाद की तस्करी कर नेपाल भेजा जा रहा है. किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा खाद की कमी को गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा है. कहीं किसी दुकानदार के द्वारा न पुर्जा दिया जाता है, न ही कोई सूची लगाई जाती है. इससे साफ पता चलता है कि खाद की कालाबाजारी कर किसानों को ऊंचे मूल्यों पर खाद बीज दिया जा रहा है.

"खाद माफियाओं द्वारा खाद की तस्करी की जा रही है. खाद की किल्लत बताकर बड़े-बड़े सेठ साहूकार व दुकानदार खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं. . बॉर्डर सीमा क्षेत्र होने के कारण खाद की तस्करी कर नेपाल भेजा जा रहा है"- किसान

खाद पर केंद्र सरकार के आंकड़ेःकेंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसारः यूरिया जरूरत 360000 मीट्रिक टन है और केंद्र सरकार की ओर से अभी तक 375000 मीट्रिक टन उपलब्ध कराया गया है, जिसमें दो लाख 7000 मीट्रिक टन वितरित किया गया है और अभी भी एक लाख 68 हजार मीट्रिक टन स्टॉक में रखा हुआ है. यही हाल डीएपी ( डाई अमोनिया फास्फेट) का है. नवंबर तक रिक्वायरमेंट 1.63 मीट्रिक टन है. केंद्र सरकार की ओर से 2.30 मीट्रिक टन डीएपी दिया गया है. लेकिन बिहार सरकार की ओर से एक लाख 41 हजार मीट्रिक टन का ही वितरण हुआ है और स्टॉक में अभी भी 90 हजार मीट्रिक टन रखा हुआ है.

राज्य और केंद्र के आंकड़ेःकेंद्र सरकार के आंकड़ों को देखें तो अभी भी यूरिया 1.68 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में रखा है, जिसे सरकार वितरित नहीं कर पा रही है. दूसरी तरफ बिहार सरकार के कृषि मंत्री सर्वजीत ने विभागीय बैठक के बाद जो आंकड़ा दिया है उसके हिसाब से अभी तक के यूरिया की जरूरत है 255000 मीट्रिक टन लेकिन केंद्र से आपूर्ति 37% ही हुआ है.

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