अररियाः कोरोना जांच फर्जीवाड़ा मामला सामने आने के बाद इस मामले में अररिया के फारबिसगंज का नाम भी जुट गया है. दरअसल जब फारबिसगंज में रेंडमली जांच कराई गई तो 542 लोगों के नाम के सामने 0000 अंकित था. जबकि इनलोगों के मोबाइल नंबर लिखे होने चाहिए थे. स्वास्थ्य विभाग के जांच के आदेश के बाद फारबिसगंज में हड़कंप मचा हुआ है. रजिस्टर को खंगाला जा रहा है कि आखिर रजिस्टर में 0000 कैसे अंकित है.
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लगातार चल रही है जांच प्रक्रिया
फर्जीवाड़े की आशंका के बीच लगातार जांच प्रक्रिया चल रही है. पीएचसी अधिकारियों का कहना है कि काम तो हमने किया है. लेकिन गलती कंप्यूटर में अंकित करने वक्त हुआ है. फारबिसगंज पीएचसी में चल रहे जांच की जानकारी देते हुए फारबिसगंज के पीएचसी प्रभारी डॉक्टर राजीव बसाक ने बताया कि फारबिसगंज में 00000 नंबर मामले में फील्ड पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा लेखा-जोखा दिया गया है. जिसमें नाम, पता व मोबाइल नंबर अंकित है. किंतु कंप्यूटर पर एंट्री के दौरान यह गड़बड़ी हुई है, यह कैसे हुई, समझ में नहीं आ रहा है.
फील्ड रजिस्टर पर सही है पता और फोन नंबर
डॉ राजीव बसाक ने बताया कि विभाग के वरीय पदाधिकारी अररिया के टीम द्वारा शनिवार को फारबिसगंज पीएचसी पहुंच कर जांच की गई. जहां उनलोगों ने भी देखा कि लगभग 73 लोगों का मोबाइल नम्बर कंप्यूटर पर 000 अंकित है. जबकि फील्ड में काम करने वालों के रजिस्टर में नाम, पता व मोबाइल नबर सही है. फील्ड कार्यकर्ता से बात की गई है. लगभग 21 लोगों का फोन नंबर बंद पाया गया.
उन्होंने कहा कि हम लोग पुनः 0000 नंबर वाले के पता पर पहुंच रहे हैं. वहां उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बात कर मोबाइल नंबर सही किया जा रहा है. बताया कि अबतक 47 हजार लोगों का एआरटी हो चुका है, जिसमें 542 का मोबाइल नंबर पर 0000 अंकित हैं. जिसे सुधार किया जा रहा है. मौके पर फारबिसगंज के पीएचसी प्रबंधक सईद उज जमा और अन्य कर्मी मौजूद थे.