अररिया:दीपावली के करीब आते ही कुम्हार अपने पारंपरिक काम में जुट गए हैं. लेकिन इस बार इनके चेहरे पर दोहरी खुशी है. कुम्हारों का मानना है कि सरकार की तरफ से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने से उनके रोजगार में अब और बढ़ोतरी होने की उम्मीद जग गई है.
कुल्हड़ के आने लगे हैं आर्डर
दरअसल अररिया के कुम्हार टोली में मात्र चार ही परिवार बचे हैं. जो इस पारंपरिक कार्य से जुड़े हुए हैं. इनका कहना है कि हमारा कारोबार लगभग बंदी के कगार पर पहुंच चुका था. लेकिन सरकार के प्लास्टिक बंदी के फैसले के बाद, हमें कुछ उम्मीद जगी है और अब कुल्हड़ के आर्डर भी आने लगे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दीपावली का समय है, इसलिए हम लोग दिया, धूपदानी और मिट्टी के बर्तनों को बनाने में जुटे हुए हैं.