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लॉक डाउन में हत्या और बेरोजगारी के खिलाफ न्यायायिक धरना पर बैठा नाई समाज - आजाद गांधी

सरकार से नाई समाज के पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई. वहीं, लॉक डाउन में नाई को आर्थिक मदद देने की मांग रखी है.

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Published : May 14, 2020, 9:08 PM IST

अररिया: कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉक डाउन है. इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में नाई समाज के लोगों की अपराधियों ने निर्मम हत्या कर दी. इस अत्याचार के खिलाफ नाईयों ने फारबिसगंज में अपने-अपने आवास पर सोशल डिस्टनेंसिंग का पालन करते हुए न्यायायिक धरना दिया.

फारबिसगंज प्रखंड के विभिन्न जगहों पर न्यायायिक कार्यक्रम में लोगों ने भाग लिया. इसकी अगुवाई नाई समाज के मुन्ना ठाकुर ने किया. उत्तर रामपुर कुबेर टोला में अरुण ठाकुर के आवास, रेफरल रोड स्थित राम चन्द्र ठाकुर के आवास सहित अन्य जगहों पर इसका आयोजन किया गया. इस मौके पूर्व वार्ड पार्षद मनोज ठाकुर सहित नाई समाज के लोगों ने लॉक डाउन में नाई समाज के लोगों की हत्या का विरोध जताया.

धरने पर बैठी नाई समाज की महिलाएं

नाई समाज को मिले आर्थिक मदद
मुन्ना ठाकुर ने बताया कि नाई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजाद गांधी के आह्वान पर गुरुवार को न्यायायिक धरना दिया गया. उन्होंने कहा कि लॉक डाउन में नाई समाज पर अत्याचार बढ़ा है. बिहार और यूपी में कई हत्याएं हुई. वहीं, लॉक डाउन में पुश्तैनी व्यापार पर प्रतिबंध लगने से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. इससे निपटने के लिए सरकार से सरकार दस हजार रुपया का आर्थिक सहयोग देने की मांग की गई.

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