अररियाःनेपाल से छोड़े गए 650 क्यूसेक पानी से जिले की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई है. जिससे निचले इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया है. लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो चुका है. लोगों को एक बार फिर से अगस्त 2017 के विनाशकारी बाढ़ का डर सताने लगा है.
कई इलाकों में घुसा पानी
दरअसल, जिले में भंगिया डायवर्सन के ऊपर से पानी का बहना शुरू हो गया है. जिससे जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी है. बकरा नदी के जलस्तर बढ़ने से अररिया के जोकीहाट प्रखंड अंतर्गत कई इलाकों में नदी का पानी घुसा गया है. पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश से कोसी डैम का दवाब बढ़ गया था, जिसकी वजह से पानी छोड़ा गया.
डायवर्सन के बहने का भी है डर
जिला मुख्यालय से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर स्थित भंगिया डायवर्सन पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका है. जिस कारण जिला प्रशासन ने बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है. ताकि कोई खतरा न हो, इस पुल को अगस्त 2017 में आए विनाशकारी बाढ़ ने ढाह दिया था. जिस वजह से जोकीहाट का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका था. आवागमन सुचारू रूप से जारी रखने के लिए डायवर्सन बनाया गया था. अगर नेपाल से ज्यादा पानी छोड़ा गया तो लोगों को इस डायवर्सन के बहने का भी डर है.
कई इलाकों में घुसा बकरा नदी का जल अब तक नहीं बना पिछले बाढ़ में टूटा पुल
अगस्त 2017 में टूटे पुल को दो साल बीत जाने के बाद भी बनवाया नहीं जा सका है. जिससे लोगों की परेशानी फिर बढ़ गई है. इसके लिए जोकीहाट ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और वहां के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार माना है. चुनाव के वक्त वोट हांसिल करने के लिए बड़े-बड़े वादे किए गए और चुनाव खत्म होने के बाद वादे भी खत्म हो गए. जोकीहाट के तारण, काकन, डूबा, और कई निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है. लेकिन प्रशासन के तरफ से बचाओ के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. यहां के ग्रामीण जिला प्रशासन और लोकल जनप्रतिनिधियों को इसका जिम्मेदार मानते हैं.