पटना : बिहार में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की ओर एक और कदम बढ़ाया गया है. पुलिस मुख्यालय (Patna Police Headquarter) ने 10 दिनों के अंदर सभी थाना अध्यक्षों को छोड़कर महिला पुलिसकर्मियों की पदस्थापना थाना में करने का निर्देश दिया है.
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इसका सीधा मतलब है कि थानों में महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की संख्या को बढ़ाया जाएगा. इसके पीछे बड़ी वजह यह भी माना जा रहा है कि कई बार महिलाएं पुरुष पुलिसकर्मी से खुलकर अपनी बात नहीं रख पाती हैं. ऐसे में अगर सभी थानों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या अगर ज्यादा रहती है तो पीड़ित महिलाओं को अपनी समस्याएं बताने में सुविधा मिलेगी.
अगर आंकड़ों की बात की जाए तो राज्य में मौजूदा समय में 13,718 महिला पुलिस पदाधिकारी हैं, लेकिन थाना में अब तक सिर्फ 5,372 को ही पुलिस पदाधिकारी के रूप में पदस्थापित किया गया है. मतलब 8,346 महिला पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती थानों में 10 दिनों के अंदर कर दी जाएगी. राज्य सरकार का मानना है कि सभी थानों में महिला पुलिस पदाधिकारी रहें ताकि महिलाओं को अपनी समस्याएं उनके समक्ष रखने में आसानी हो.
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बता दें कि इसी वर्ष 26 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राजगीर के बिहार पुलिस अकादमी में पुलिस अवर निरीक्षक के दीक्षांत समारोह में कहा था कि बिहार में हर हाल में कानून का राज कायम करने के लिए काम किया जा रहा है. आज महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. 50 प्रतिशत महिला को पंचायती राज में आरक्षण से आगे लाने का काम शुरू किया. उसके बाद 2013 में पुलिस में 35 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी. उसके बाद सभी सरकारी सेवा में 2015 में 35 प्रतिशत महिला को नौकरी की घोषणा की थी.
नीतीश कुमार ने कहा था कि देश के किसी भी राज्य में पुलिस बल में इतनी महिलाएं नहीं है, जितनी बिहार में है. कोई अन्य राज्य होता तो कितना विज्ञापन छपता, हम विज्ञापन बाज नहीं है, काम पर विश्वास रखते है. पुलिस की जिम्मेवारी काफी बड़ी है. कानून का राज कायम करना है. उन्होंने कहा था कि जितने भी थाने हैं, वहां महिला थाना है और महिलाओं के लिए थाने में हर जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है.