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बिहार सरकार के विभागों पर बिजली कंपनियों का 1 हजार करोड़ बकाया, बोले मंत्री-कोई बड़ी बात नहीं - education minister krishna nandan verma

कई विभागों के मंत्री टालमटोल जवाब देते नजर आए. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी हो या फिर विज्ञान और तकनीकी मंत्री जयकुमार सिंह सब का जवाब एक जैसा ही है, बकाया है तो जमा हो जाएगा सरकार का ही तो पैसा है.

power companies owed to bihar govt departments
सचिवालय

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Published : Dec 11, 2019, 6:52 AM IST

पटना: बिहार सरकार के विभिन्न विभागों पर बिजली कंपनियों का 1000 करोड़ के आसपास बकाया है.लघु सिंचाई विभाग पर सबसे ज्यादा 269 करोड़ का बकाया है. बिजली कंपनियों की ओर से सरकारी विभागों को पत्र लिख कई बार बिजली बिल के निपटाने का आग्रह किया गया है. मुख्य सचिव ने भी बकाए बिजली बिल पर कई बार नाराजगी जताई है और विभागों को इस को लेकर सख्त निर्देश भी दिया है. लेकिन विभागों की लापरवाही के कारण लंबे समय से बिजली का बिल भुगतान नहीं हो रहा है

विद्युत भवन

बकाए बिजली बिल को लेकर सवाल
सरकारी विभागों पर बकाए बिजली बिल को लेकर पहले भी कई बार सवाल खड़े होते रहे हैं. कई बार आनन-फानन में कई विभाग राशि कुछ राशि जमा भी करते हैं, लेकिन यह सच्चाई है कि पिछले लंबे समय से यह बकाया राशि धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. बिजली कंपनियों की ओर से बार-बार इसके भुगतान का आग्रह किया जाता रहा है. बिजली विभाग के सूत्रों की माने तो नॉर्थ बिहार कंपनी का विभागों पर बकाया कुछ इस प्रकार से है.

राज्य लोक शिकायत भवन
विभाग बकाया राशि
  • लघु सिंचाई विभाग
  • 269 करोड़
  • पशुपालन विभाग
  • 82 करोड़
  • नगर विकास विभाग
  • 61 करोड़
  • पीएचईडी विभाग
  • 29 करोड़
  • स्वास्थ्य विभाग
  • 19 करोड़
  • गृह विभाग
  • 9 करोड़
  • वन एवं पर्यावरण विभाग
  • 7 करोड़
  • ग्रामीण विकास विभाग
  • 6.27 करोड़
  • जल संसाधन विभाग
  • 3.59 करोड़
  • विज्ञान-प्रौद्योगिकी विभाग
  • 2 करोड़
  • भवन निर्माण विभाग
  • 1.98 करोड़
  • राजस्व एवं भूमि सुधार
  • 1.30 करोड़
  • खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग
  • 1 करोड़

बकाए राशि वाले विभागों की फेहरिस्त काफी लंबी
इसके अलावा कृषि विभाग, कला संस्कृति विभाग, वाणिज्य कर विभाग, मध्य निषेध विभाग, उपभोक्ता संरक्षण विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, उद्योग विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, श्रम संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग, सूचना-जनसंपर्क विभाग और एससी-एसटी और वित्त विभाग पर भी बिजली का बड़ा बिल बकाया है.

विकास भवन

'जो भी बकाया है उसका भुगतान किया जाएगा'
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी का कहना है कि सभी विभागों के पास बिजली बिल के लिए बजटीय प्रावधान होता है. मुख्य सचिव के स्तर पर भी इस पर कई बार चिंता जताई गई है, हमने भी समीक्षा की है और जो भी बकाया है उसका भुगतान कर दिया जाएगा.

मंत्रियों का टालमटोल जवाब
पूरे मामले में कई विभागों के मंत्री टालमटोल जवाब देते नजर आए. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी हो या फिर विज्ञान और तकनीकी मंत्री जयकुमार सिंह, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा हो या फिर मंत्री रामनारायण मंडल सब का जवाब एक जैसा ही है, बकाया है तो जमा हो जाएगा सरकार का ही तो पैसा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बिजली विभाग के मंत्री ने साधी चुप्पी
हैरानी की बात ये है कि बिजली विभाग के मंत्री विजय विजेंद्र यादव विभागों के बकाए बिजली बिल को लेकर कुछ भी बोलने से बचते रहे. स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उन्होंने कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया. माना जा रहा है कि इस मामले पर बोलने से सरकार की ही किरकिरी होगी,इसीलिए वे चुप्पी साधे बैठे हैं.

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