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सुशील मोदी ने लालू पर कसा तंज, बोले- 141 कीमती भूखंड, 30 फ्लैट और दर्जनों मकानों के मालिक कैसे बने

सुशील मोदी ने लालू यादव पर निशाना साधा (Sushil Modi Targets Lalu Yadav) है. उन्होंने रेलवे भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई रेड को सही बताया और कहा कि लालू बतायें कि 141 कीमती भूखंड, 30 फ्लैट और दर्जनों मकानों के मालिक वो कैसे बने. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

सुशील मोदी
सुशील मोदी

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Published : May 20, 2022, 10:54 PM IST

पटना:पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (Former Deputy CM Sushil Modi) ने लालू पर जमकर निशाना साधा है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2008 में नौकरी के बदले जमीन लिखवाने का मामला राजद के वर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने उठाया था. दोनों ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh) को ज्ञापन देकर लालू प्रसाद के विरुद्ध जांच की मांग की थी. लालू राबड़ी का परिवार आज 141 कीमती भूखंड, 30 फ्लैट और दर्जनों भवनों का मालिक है. गरीब परिवार से आने वाले लालू प्रसाद बतायें कि इतनी सम्पत्ति कहां से आयी?.

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'लालू प्रसाद ने अमीर बनने के लिए तरीका अपनाया- तुम मुझे अपनी जमीन दो, मैं तुम्हें नौकरी दूंगा. इस तरह उन्होंने जमीन-जायदाद बनाने के लिए सत्ता और मंत्री पद का खुल कर दुरुपयोग किया. मोदी ने कहा कि अवैध तरीके से सम्पत्ति बनाने के पुख्ता दस्तावेजी सबूत के आधार पर जब सीबीआई अपना काम कर रही है, तब राजद इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है.'- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

सुशील मोदी ने लालू को घेरा:सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ललन चौधरी विधान परिषद में और हृदय नाथ चौधरी रेलवे में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी हैं. पहले नौकरी के लाभार्थी से उनके नाम जमीन रजिस्ट्री करवा दी और बाद में इन दोनों से करोड़ों की संपत्ति राबड़ी देवी और हेमा यादव के नाम से गिफ्ट करा दी. गौरतलब है कि लालू प्रसाद के पटना, दिल्ली और गोपालगंज समेत 17 परिसरों पर एक साथ छापेमारी की गई.

लालू राबड़ी के ठिकानोंं पर छापा: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है. उस समय राबड़ी देवी आवास में ही थी. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कथित रूप से रिश्वत लेने, जमीन और संपत्ति लेने के मामले (land for job scam case) से जुड़ा है. इसकी जांच के सिलसिले में छापेमारी की गई है.

जमीन के बदले नौकरी देने का मामला: दरअसल जमीन के बदले नौकरी देने का मामला साल 2017 में उठा था जिस वक्त राजद और जदयू की सरकार बिहार में बनी थी. बीजेपी प्रतिपक्ष की भूमिका में थी. उस समय पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मीडिया के माध्यम से कई ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत किए थे जिसमें नौकरी के बदले जमीन लेने का साक्ष्य मिला था. आरजेडी नेताओं की मानें तो इन दिनों नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ रही नजदीकियों को देखते हुए एक बार फिर से बीजेपी के द्वारा जानबूझकर सीबीआई के माध्यम से कार्रवाई करवाई जा रही है.

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