पटना: इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में पटना पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, रूपेश की हत्या रोड रेज के कारण हुई. पुलिस जो तर्क दे रही है, उस पर विपक्ष यकीन नहीं कर रहा है. यही कारण है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ट्वीट कर नीतीश सरकार पर हमला बोला है.
तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा कि 'रूपेश हत्याकांड में मैंने आज से 15 दिन पहले कह दिया था, नीतीश कुमार जी अपने नाक के बाल और आंखों के तारे को बचाने को लिए बकरा खोज रहे हैं, आज बिहार पुलिस ने बकरा खोज ही लिया, यकीन मानिए ऐसी कहानी C ग्रेड की घिसी-पिटी फिल्मों में भी नहीं मिलेगी. आपको पुलिस की कहानी जरूर सुननी चाहिए.'
दरअसल, तेजस्वी ने 19 जनवरी को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि 'बिहार पुलिस बकरा खोज रही है? राज्य के गृहमंत्री ने सत्ता शीर्ष पर बैठे लोगों को बचाने के बहाने खोजने की निविदाएं आमंत्रित की है.'
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पुलिस की थ्योरी पर विपक्ष सवाल उठा रहा है. वहीं सत्तापक्ष के नेता हैरान हैं. बीजेपी सांसद विवेक ठाकुर ने ट्वीट किया कि "अज पटना पुलिस ने जो रूपेश हत्याकांड में खुलासा किया कि रूपेश जी की हत्या रोड रेज के कारण हुई, यह अति चौकाने वाला है. SIT द्वारा मुख्य आरोपी का पकड़ा जाना सराहनीय है. उम्मीद है बाकी बचे अपराधी भी जल्द पकड़े जाएंगे."
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पटना पुलिस की थ्योरी पर सवाल क्यों उठ रहा है. इस सवाल का जवाब पटना पुलिस के पास फिलहाल नहीं है. पटना एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि पुलिस की गिरफ्त में आया ऋतुराज आज तक गोली नहीं चलाई. फिलहाल वह किसी मामले में जेल नहीं गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि गाड़ी चोरी करने वाला एक शख्स, शार्प शूटर की तरह किसी पर गोली दाग सकता है क्या?
मीडिया से बात करते हुए एसएसपी ने कहा कि अपराधी ऋतुराज शातिर है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर वह शातिर था. हर पल का खबर रखता था तो उसने अब तक हथियार, वारदात में इस्तेमाल कपड़े और चोरी की बाइक को ठिकाने नहीं लगाया. जो वह कर सकता था, ऐसे में सवाल उठता है कि अगर वह शातिर था तो ऐसा क्यों नहीं किया?
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पुलिस का कहना है कि रूपेश की हत्या रोड रेज के कारण हुई. ऐसे में सवाल उठता है कि महीने भर पहले जो वारदात हुआ था, उसका बदला अब लिया गया. जबकि रेड रेज जैसी घटना में वारदात ऑन द स्पॉट हो जाती है. इसकी एक बानगी गया का आदित्य सचदेवा केस है. ऐसे में सवाल उठता है कि आरोपी ने महीने भर से गुस्सा पाल रखा था. मर्डर के लिए सिर्फ रोड पर हुई पिटाई ही मकसद बन गई?
इन सबके अलावा सबसे बड़ा सवाल ये है कि कुछ दिन पहले डीजीपी ने जो बयान दिया था वह गलत था. कुछ दिन पहले डीजीपी एसके सिंघल ने कहा था कि रूपेश सिंह की हत्या कॉन्ट्रैक्ट किलर्ससे कराई गई है. इस हत्या कि पीछे पार्किंग के ठेके का विवाद है. यही नहीं, डीजीपी ने कहा था कि इस बात की जानकारी सीएम नीतीश को दे दी गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि सचा कौन, बिहार के डीजीपी या पटना के एसएसपी? क्योंकि बिहार पुलिस की जांच कॉन्ट्रैक्ट किलर्स से गाड़ी चोर पर आ गई है.