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'तेजस्वी वाली RJD' की नयी रणनीति, पंचायत चुनाव पहली चुनौती - अशोक कुमार सिंह

राष्ट्रीय जनता दल अब लालू दौर से निकलकर तेजस्वी के दौर में प्रवेश कर रहा है. इसकी स्पष्ट झलक इस बार के प्रशिक्षण शिविर में दिखाई दे रही है. हालांकि लालू यादव की उपस्थिति पोस्टरों के जरिए दिखाई जा रही है लेकिन भविष्य के संकेत के तौर पर तेजस्वी हर ओर हैं. टीम तेजस्वी की नजर पंचायत चुनाव, विधान परिषद चुनाव और उप चुनाव के बाद बिहार में होने वाले तमाम अगले चुनावों पर है. इसमें सबसे बड़ी भूमिका पार्टी के बूथ स्तर तक के संगठन की होगी. पढ़ें यह खास रिपोर्ट.

tejashwi yadav
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Published : Sep 21, 2021, 11:23 AM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) नंबर वन पार्टी के तौर पर उभर कर सामने आई. राजद (RJD) की सरकार भले ही नहीं बन पायी लेकिन इस बार पार्टी की बागडोर पूरी तरह से तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के हाथ में थी. इसका बड़ा फायदा भी पार्टी को मिला.

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वर्ष 2018 में जब राष्ट्रीय जनता दल का पिछला प्रशिक्षण शिविर (Rashtriya Janata Dal Training Camp) राजगीर में हुआ था, उस वक्त लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) भी मौजूद थे. इस बार जिस तरह से नेता प्रतिपक्ष के सरकारी आवास एक पोलो रोड में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हो रहा है और तेजस्वी बारीकी से पिछले कई दिनों से प्रशिक्षण शिविर की तैयारियों का जायजा लेते रहे हैं, उससे साफ तौर पर दिख रहा है कि पार्टी के लिए यह कितना महत्वपूर्ण आयोजन है.

जाहिर तौर पर पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को उन तमाम जगहों पर बेहतर नतीजे मिले जहां बूथ स्तर तक कमेटी बनी हुई थी. पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने कई बार इस बात की पुष्टि की है कि जिन जगहों पर बूथ स्तर की कमेटी नहीं बनी थी और प्रखंड स्तर तक बेहतर काम नहीं हुआ, उन जगहों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.

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यही वजह है कि इस बार पूरा फोकस प्रखंड स्तर पर पार्टी की मजबूती पर है. बूथ स्तर तक किस तरह पार्टी के विचार और लालू-लोहिया और जेपी की नीतियों और सिद्धांतों को पहुंचाना है, इस पर पूरा फोकस है. बिहार में फिलहाल पंचायत चुनाव हो रहे हैं. इसके बाद विधान परिषद की 24 सीटों के लिए भी चुनाव होना है. इसी साल बिहार विधानसभा की कुल 2 सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर उपचुनाव भी होने हैं. दोनों सीटें जदयू के प्रत्याशियों की मौत की वजह से खाली हुई हैं.

तेजस्वी यादव की टीम का चेहरा कैसा होगा और भविष्य में तेजस्वी बिहार की सियासत में किस तरह अपनी मजबूत पकड़ रखना चाहते हैं, ये तमाम बातें इस प्रशिक्षण शिविर के जरिए पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं तक पहुंचाई जाएंगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक लालू यादव के बाद पार्टी की बागडोर पूरी तरह से तेजस्वी यादव के हाथों में है. भविष्य में 'टीम तेजस्वी' का हिस्सा कौन होगा, यह भी प्रशिक्षण शिविर के जरिए जानने की कोशिश हो रही है. इस प्रशिक्षण शिविर के आयोजन में विशेष तौर पर न सिर्फ युवा राजद बल्कि छात्र राजद के सदस्यों को भी लगाया गया है.

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बूथ लेवल तक पार्टी किस तरह बेहतर परफॉर्म करें, यह इस प्रशिक्षण शिविर के जरिए पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, महासचिव और नगर परिषद अध्यक्षों तक संदेश दिया जाएगा. हालांकि टीम तेजस्वी के इस मैसेज को पहुंचाने के लिए पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं की टीम भी लगी हुई है. शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari), अब्दुल बारी सिद्दीकी(Abdul Bari Siddiqui), तनवीर हसन (Tanveer Hassan), अशोक कुमार सिंह (Ashok Kumar Singh) और जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh)समेत तमाम वरिष्ठ नेता लोहिया और जेपी के विचारों को प्रशिक्षण शिविर में पार्टी पदाधिकारियों तक पहुंचाएंगे. जानकारी यह भी है कि लालू यादव वर्चुअल तरीके से अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर सकते हैं. वे फिलहाल दिल्ली में हैं.

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