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विजय सिन्हा पर भड़के RJD सांसद मनोज झा, कहा.. स्पीकर को संसदीय आचरण का पालन करना चाहिए

आरजेडी विधानमंडल दल की बैठक खत्म होने के बाद RJD Rajya Sabha MP Manoj Jha ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि Assembly Speaker Vijay Kumar Sinha संसदीय आचरण का पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव है तो उपाध्यक्ष ये दायित्व संभालेंगे.

आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा

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Published : Aug 24, 2022, 8:19 AM IST

पटना: आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा का कहना है कि हमें उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा संसदीय आचरण का पालन करेंगे. उन्होंने यह बातें मंगलवार देर शाम आरजेडी विधानमंडल दल की बैठक खत्म (RJD legislature party meeting ends) होने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कही. विधानमंडल दल की बैठक का आयोजन पूर्व सीएम राबड़ी देवी (Former CM Rabri Devi) के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास पर किया गया था.

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आसन की गरिमा का ख्याल रखेंगे विधानसभा अध्यक्ष: मनोज झा ने कहा कि विश्वास मत को लेकर दो दिन का सत्र है और उस सत्र की एक गरिमा है. हम उम्मीद करेंगे कि जैसे 1960 और 1970 में विधानसभा अध्यक्ष ने पद और आसन की गरिमा का ख्याल रखते हुए खुद पद छोड़ दिया था. 1970 में अविश्वास प्रस्ताव यूं ही वापस ले लिया गया था. हम लोग यह उम्मीद करेंगे कि संसदीय परंपराओं की जो श्रेष्ठ सूची रही है. उसके अनुरूप विधानसभा अध्यक्ष अप्रिय स्थिति को उत्पन्न नहीं होने देंगे.

संसदीय परंपरा का पालन हो: विधानसभा अध्यक्ष के इस्तीफा नहीं देनें के सवाल पर मनोज झा ने कहा कि मैं संसदीय इतिहास को जानता हूं. 1960 को मैंने देखा है और 1970 को पढ़ा है. अगर स्पीकर संसदीय परंपरा के अनुरूप आचरण नहीं करते हैं तो फिर उनका मर्म जाने और उनका मंतव्य जाने. उन्होंने यह भी कहा कि परिपाटी सदन के चलने की है. अगर अध्यक्ष, जिसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव है तो उपाध्यक्ष संभालेंगे. पावर में कोई भी रहे, लेकिन संसदीय गरिमा और विधायक गरिमा बरकरार रहे. ये हमारी कोशिश होनी चाहिए.

''दो दिन का सत्र है और उस सत्र की एक गरिमा है. हम उम्मीद करेंगे कि जैसे 1960 और 1970 में विधानसभा अध्यक्ष ने पद और आसन की गरिमा का ख्याल रखते हुए खुद पद छोड़ दिया था. वैसे संसदीय परंपराओं के अनुरूप विधानसभा अध्यक्ष अप्रिय स्थिति को उत्पन्न नहीं होने देंगे.अगर स्पीकर संसदीय परंपरा के अनुरूप आचरण नहीं करते हैं तो फिर उनका मर्म जाने और उनका मंतव्य जाने. परिपाटी सदन के चलने की है. अगर अध्यक्ष, जिसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव है तो उपाध्यक्ष संभालेंगे. पावर में कोई भी रहे, लेकिन संसदीय गरिमा और विधायक गरिमा बरकरार रहे''-मनोज झा, राज्यसभा सांसद, आरजेडी

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