पटना: बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के लिए हुए चुनाव के परिणाम (Bihar MLC Election Result) घोषित हो गए हैं. इसमें बीजेपी ने 7, जेडीयू ने 5, आरजेडी ने 6, कांग्रेस और रालोजपा (पारस) ने 1-1 सीट पर जीत हासिल की है, 4 निर्दलीय भी जीते हैं. अब राजनीतिक दलों ने बागी होकर चुनाव जीतने वाले चार एमएलसी पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. बैठकों और मुलाकातों का दौर शुरू हो गया. शीघ्र ये निर्दलीय इस बारे अपने रुख साफ कर सकते हैं.
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जदयू अब भी सबसे बड़ी पार्टी:भले ही इस चुनाव में जेडीयू तीसरे नंबर पर रही, लेकिन अभी वह विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी (JDU largest party in Legislative Council) है. अभी सदन में जदयू के 28 विधान पार्षद है. भाजपा के 22 और राजद के 11 सदस्य हैं. इसके अलावा चार निर्दलीय चुनाव जीतकर आए हैं. निर्दलीय विधान पार्षदों के सहारे तमाम दल परिषद में अपनी संख्या में इजाफा करना चाहते हैं.
सीएम से मिल चुके हैं अशोक यादव: विधान परिषद चुनाव के नतीजों में खास बात यह रही कि बागियों ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. कुल चार बागी नेता चुनाव जीते हैं. इन बागी नेताओं पर राजनीतिक दलों ने डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. जदयू रेस में सबसे आगे दिख रही है. राजबल्लभ यादव के भतीजे अशोक यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर ली है. वह जदयू के बड़े नेताओं के संपर्क में भी हैं. आपको बता दें कि निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद अशोक यादव पहले तेजस्वी यादव से मिले थे.
राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी अंबिका गुलाब यादव बागी होकर चुनाव लड़ी थीं और उन्हें जीत भी मिली. राजद को इनसे काफी उम्मीदें हैं. महेश्वर यादव भी चुनाव जीते हैं. महेश्वर यादव राजद के उपाध्यक्ष थे. टिकट नहीं मिलने पर बागी हो गए और विधान परिषद चुनाव में अपना दम दिखाया. उन्हें भी बड़े मतों के अंतर से जीत हासिल हुई है. राजद महेश्वर यादव को लेकर भी उम्मीद लगाए बैठी है.
सच्चिदानंद राय को फैसला लेने में जल्दबाजी नहीं: भाजपा ने अपने सिंटिंग विधान पार्षद सच्चिदानंद राय का टिकट काट दिया था. सच्चिदानंद राय इस चुनाव उतरे निर्दलीय और भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की. वहां पर राजद प्रत्याशी दूसरे और बीजेपी प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे. सच्चिदानंद राय से भाजपा को काफी उम्मीदें हैं. आपको बता दें कि सच्चिदानंद राय को भाजपा ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. सच्चिदानंद राय ने कहा है कि पार्टी ने मुझे बेटिकट किया, फिर भी मैं चुनाव जीतने में कामयाब रहा. मेरे लिए तमाम तरह के विकल्प खुले हैं. मुझे फैसले लेने की फिलहाल कोई जल्दबाजी नहीं है.