पटना: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये देश मे जारी लॉक डाउन की तारीख आगे बढ़ा दी गई है. इस दौरान राजधानी में फंसे लोगों को खाने-पीने की दिक्कत ना हो, इके लिए पटना नगर निगम सकारात्मक भूमिका अदा कर रहा है. सरकार ने रैन बसरों में ऐसे लोगों के रहने की व्यवस्था की है. अब नगर-निगम रोजाना इन सैंकड़ों लोगो का पेट भर रहा है.
Lockdown 2.0 में फंसे कई लोगों के लिए वाकई बसेरा साबित हुए पटना नगर निगम के रैन-बसेरे
पटना नगर निगम के राजस्व पदाधिकारी मोहम्मद रिजवान अंसारी ने सरकार से मांग की है कि निगम द्वारा संचालित रैन बसेरा में जो लोग है, उनकी भी कोरोना वायरस की जांच होनी चाहिये.
रैन बसेरा में लोगों को मिला आश्रय
लॉक डाउन की वजह से लाखों लोग जहां-तहां फंसे हैं. सरकार ने इन लोगों कों पटना नगर निगम की ओर से संचालित रैन बसेरा में जगह दी है. उसके बाद उनके खाने-पीने का इंतजाम करने का आदेश सरकार ने निगम को दिया है. उसी कड़ी में गाय घाट स्थित आजिमाबाद अंचल की ओर संचालित रैन बसेरा में करीब पचास लोगों को आश्रय दिया गया है, जो बिहार और झारखंड के कई जिलों से आते हैं. इनमें महिला-पुरुष और बच्चे सभी शामिल है. इनके खाने-पीने की व्यवस्था पटना नगर निगम कर रहा है.
शरणार्थियों के कोरोना जांच की मांग
निगम के राजस्व पदाधिकारी मोहम्मद रिजवान अंसारी ने सरकार से मांग की है कि निगम द्वारा संचालित रैन बसेरा में जो लोग है, उनकी भी कोरोना वायरस की जांच होनी चाहिये. ये सभी गोपालगंज, सिवान, झारखंड समेत कई जगहों के लोग है. बार-बार आग्रह के बाद भी मेडिकल टीम नहीं सुन रही है. समय रहते सबकी जांच हो जाए तो सरकार परेशानी से बच सकती है.