पटना: एक तरफ जहां लोग कोरोना काल (Corona Period) से परेशान हैं. वहीं अब गंगाके बढ़ रहे जल स्तर (Rising Water Level of Ganga) और लगातार हो रही बारिश (Continuous Rain) से बाढ़ (Flood In Bihar) ने बिहार के कई जिलों के लोगो की मुसीबत को बढ़ा दी है. किसी तरह कोरोना संक्रमण (Corona Infection) पर काबू पाने के बाद, अब फिर लोग बढ़ते बाढ़ से परेशान हैं.
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पटना के दियारे इलाके में लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर जाने के कारण लोग जहां-तहां रहने को मजबूर हैं. बच्चे और बेजुबान जानवर खाए बिना परेशान हैं. बाढ़ के चलते लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं. खाना मिलना भी अब बाढ़ पीड़ितों के लिये चुनौती सा हो रहा है. कहीं पर रहने के लिए कोई जगह नहीं बची है. जहां- तहां बाढ़ ने ऐसी तबाही मचा दी है कि सभी बाढ़ पीड़ित दहशत में रहने को मजबूर हैं.
बिहार के कई गांव के लोगों को बाढ़ के कारण खाने के भी लाले पर गए हैं. स्थिति विकराल दिखाई पड़ रही है. मदद कहीं से नहीं मिल पा रही है. बच्चे महिलाएं और बुजुर्ग दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
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बात दें कि बिहार के कई इलाके भारी बारिश और बाढ के कारण लोग बिना खाये-पीये रह रहे हैं. बच्चे खाने के लिए बिलखते नजर आ रहे हैं. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बाढ़ का जायजा ले रहे हैं लेकिन सवाल ये है कि हर साल ऐसी स्थिति आती क्यों है?
बच्चों को बिलखते देख किसी का भी दिल पिघल सकता है. किसी भी नेता और मंत्री का ध्यान इस तरफ क्यों नहीं जाता है. लोगों का साफ कहना है कि चुनाव के समय सभी नेता आते हैं लेकिन समस्या के समय कोई नहीं आता. आखिर क्यों? आखिर कब तक बाढ़ की समस्या झेलेगा बिहार ये कह पाना मुश्किल है.