पटना:बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Third Wave In Bihar) की तीसरी लहर में ओमिक्रोन के सब वैरिएंट BA.2 की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है और कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस वैरिएंट की वजह से मार्च के समय में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण की वेव आ सकती है. हालांकि, बिहार में ओमिक्रोन की वजह से तीसरी लहर का पीक अभी आकर कम हुआ है. बिहार में ओमिक्रोन के BA.2 वैरिएंट की ही अधिकता देखने को मिली. चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में ओमिक्रोन का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है.
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पटना आईजीआईएमएस में जिनोम सीक्वेंसिंग लैब (Genome Sequencing Lab at IGIMS Patna) के वैज्ञानिक डॉक्टर अभय कुमार ने बताया कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन किसी भी महामारी की एक ऐसी स्टेज है, जिसमें यह ट्रेस नहीं हो पाता की इंफेक्शन कहां से हुआ और इन्फेक्शन का सोर्स क्या है. जब इंफेक्शन की चेन को ट्रेस नहीं किया जा सके, उस स्टेज को कम्युनिटी ट्रांसमिशन कहते हैं और इस दौरान टारगेट एरिया में इंफेक्शन के मामले 50 फीसदी से अधिक हो जाते हैं. डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि बिहार में अभी संक्रमण की तीसरी लहर में दो बार जब कुछ रेंडमली सिलेक्टेड पॉजिटिव सैंपल के जिनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया की गई, उसमें यह देखने को मिला कि लगभग सभी सैंपल का रिपोर्ट ओमिक्रोन मिल रहा है.
रिपोर्ट से यह कहा जा सकता है कि बिहार के पॉपुलेशन में ओमिक्रोन का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है. किसी भी इंफेक्शन का ट्रांसमिशन लोगों के लिए अच्छा नहीं होता लेकिन फैक्ट है कि ओमिक्रोन का कम्युनिटी ट्रांसमिशन प्रदेश में हुआ है. उन्होंने बताया कि ओमिक्रोन कोरोना के अब तक के एक्जिस्टिंग वैरिेंट की तुलना में सबसे माइल्ड है. इसके पहले अल्फा हो या डेल्टा हो या अन्य इससे घातक हैं.
''ओमिक्रोन का मूल स्वरूप B.1.1.529 है, जबकि इसके सब वैरिएंट तीन हैं. पहला है BA.1, दूसरा है BA.2 और तीसरा है BA.3. बिहार में ओमिक्रोन के सब-वैरिएंट BA.2 ही लगभग सभी में देखने को मिले हैं. संक्रमण की तीसरी लहर में दो बार जिनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया की गई है. इसमें पहली बार 32 सैंपल की जांच की गई, जिसमें 4 डेल्टा मिले और 28 में ओमिक्रोन मिला. जिसमें तीन में मूल वैरिएंट B.1.1.529 मिला. 24 सैंपल में ओमिक्रोन का BA.2 सब-वैरिएंट मिला और एक सैंपल में ओमिक्रोन का BA.1 मिला. दूसरी बार जब 46 सैंपल की जांच की गई तो सभी सैंपल में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई और सभी में सब-वैरिएंट BA.2 मिला. रिपोर्ट के अनुसार कह सकते हैं कि बिहार में ओमिक्रोन के सब-वैरिएंट BA.2 का ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन हुआ है.''-डॉ. अभय कुमार, जिनोम सीक्वेंसिंग लैब के वैज्ञानिक, IGIMS
डॉक्टर अभय कुमार ने बताया कि BA.1 उन लोगों में डिटेक्ट हो रहा है जिनका फॉरेन ट्रैवल हिस्ट्री रहा है. कोई भी वायरस जब भी फैलता है वह जैसे जैसे आगे जाता है म्यूटेंट होता है. वायरस जब एक शरीर से दूसरे शरीर में अपनी कॉपी बनाता है तो फोटो कॉपी की तरह नहीं होता. वायरस जब एक शरीर से दूसरे शरीर में जाता है, उसमें अपना कॉपी बनाना शुरू करता है और इसी दौरान उसमें म्यूटेशन आता है. फॉरेन ट्रैवल हिस्ट्री वाले जो लोग आए और ओमिक्रोन से संक्रमित हुए. उनसे जब दूसरे लोग संक्रमित हुए. इस दौरान वायरस म्यूटेंट कर गया और इसके सब वैरिएंट मिलने लगे. भारत में अभी ओमिक्रोन के सब-वैरिएंट BA.3 के एक भी केस की पुष्टि नहीं हुई है.