पटना: बिहार की राजनीति में हलचल शुरू है. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD State President Jagdanand Singh) के घर में ही बगावत हुई है. जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह अपने साथियों के साथ नीतीश कुमार में विश्वास करते हुए जेडीयू में शामिल हो गए. अजीत सिंह को जेडीयू में शामिल कराने के पीछे नीतीश कुमार की रणनीति माना जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने जगदानंद सिंह से अपमान का बदला लिया है. सत्ता पक्ष के लोग इससे इंकार करते हुए कह रहे हैं कि नीतीश कुमार और एनडीए के विकास कार्य में ही विश्वास कर लोग आरजेडी छोड़ रहे हैं. वहीं, आरजेडी के लिए अपना बचाव करना मुश्किल हो रहा है.
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जगदानंद सिंह के घर में बगावत:जगदानंद सिंह बिहार की राजनीति में बड़े नाम हैं. समाजवादी नेता के रूप में इनकी पहचान है और लंबे समय से आरजेडी के साथ हैं. उन्होंने लालू प्रसाद यादव को कठिन परिस्थितियों में भी छोड़ा नहीं है. तेज प्रताप यादव के गंभीर आरोपों के बाद भी आरजेडी में बने रहे और अब तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने में लगे हैं. लेकिन, जगदानंद सिंह के घर में ही बगावत शुरू है. जगदानंद सिंह के छोटे बेटे इंजीनियर अजीत सिंह लालू प्रसाद यादव से अधिक नीतीश कुमार में विश्वास करते हैं और इसलिए जगदानंद सिंह और आरजेडी का साथ छोड़ जेडीयू में शामिल हो गए हैं.
नीतीश कुमार की रणनीति:जगदानंद सिंह के बेटे को पार्टी में शामिल कराना जेडीयू की रणनीति भी मानी जा रही है. जिसके तहत नीतीश कुमार ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष के बेटे को पार्टी में शामिल कराया है. चर्चा तो यह भी है कि पिछले दिनों जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार के वैद्य पिता को लेकर जिस प्रकार से टिप्पणी की थी, उससे नीतीश कुमार काफी नाराज हुए थे और एक तरह से बदला भी नीतीश कुमार ने लिया है. हालांकि, जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है. नीतीश कुमार के विकास कार्य में विश्वास करते हुए लोग जेडीयू में आ रहे हैं.
''विद्रोह की कोई बात नहीं है. उन्होंने अपने खुद से भी मीडिया के सामने वक्तव्य दिया है. उन्होंने कहा है कि वो जिस तरह से काम करना चाहते हैं उस विचारधारा को कोई आगे लेकर जा रहा है तो वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए उन्होंने इस बात को जगजाहिर किया है कि वो राजनीति में किसी के दिशा निर्देशों को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो वो नीतीश कुमार हैं. जगदा बाबू से हम क्या बदला लेंगे. जगदा बाबू से तो जिनको बदला लेना होता है वो हैं तेजप्रताप. अक्सर वो उनको बतलाते रहते हैं कि पार्टी में उनकी क्या हैसियत है.''-निखिल मंडल, प्रवक्ता, जेडीयू