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29वीं राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का समापन, 30 बच्चों के प्रोजेक्ट नेशनल के लिए हुए सिलेक्ट - विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार

तीन दिवसीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का समापन (National Children Science Congress Concludes) हो गया है. 30 बच्चों के प्रोजेक्ट नेशनल के लिए सिलेक्ट किए गए हैं. इस मौके पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार (Science and Technology Minister Sumit Kumar) ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से लगातार कोशिशें हो रही हैं.

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का समापन
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का समापन

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Published : Dec 19, 2021, 9:12 PM IST

पटना: रविवार को राजधानी पटना के तारामंडल सभागार में चल रहे तीन दिवसीय 29वीं राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (29th State Level National Children Science Congress) का समापन हो गया है. इस मौके पर प्रदेश के 37 जिलों से आए 50 ग्रुप के बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट दिखाए. जिसमें से 30 प्रोजेक्ट को नेशनल चाइल्ड कांग्रेस के लिए सिलेक्ट किया गया. प्रत्येक ग्रुप में दो बच्चे थे और नेशनल के लिए चयनित होने वाले सभी 30 ग्रुप को 5100 रुपए की पुरस्कार राशि से नवाजा गया.

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वहीं शेष 20 ग्रुप के बच्चों को उनके प्रोजेक्ट के लिए 2100 रुपए की सहायता राशि से पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम के समापन के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार (Science and Technology Minister Sumit Kumar) भी मौजूद थे. उन्होंने सभी बच्चों को मेडल से सम्मानित किया और उनके प्रयासों की सराहना की. कार्यक्रम की समाप्ति के बाद मंत्री ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को देखकर उन्हें काफी आनंद की अनुभूति हुई है और बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होना काफी सुखद है. प्रदेश में बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

कार्यक्रम में अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रोजेक्ट लेकर पहुंचे दरभंगा डीएवी स्कूल के आठवीं कक्षा के छात्र असीम उत्कर्ष ने बताया कि उन्होंने एक नई तकनीक इजाद की है. जिसमें काफी किफायती दाम में घर के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को ऑटोमेटिक किया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने सेंसर युक्त मदरबोर्ड तैयार किया है, जिसे एक कमरे के एक प्लग में लगाना होता है और इससे कमरे के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम ऑटोमेटिक हो जाते हैं. यदि कमरे में कोई व्यक्ति पहुंचता है तो सारे लाइट जल जाते हैं और सभी स्विच ऑन हो जाते हैं और जैसे ही कोई व्यक्ति कमरे से बाहर जाता है, सभी स्विच अपने आप ऑफ हो जाते हैं. इसके लिए उन्होंने ह्यूमन हीट सेंसर लगाया है. इसका 25 मीटर रेंज फिक्स किया है. जरूरत पड़ने पर इसका रेंज और आगे बढ़ाया जा सकता है.

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वहीं, बेतिया से आए आठवीं कक्षा के छात्र मोहम्मद तारिक अहसान ने बताया कि उन्होंने गौरैया संरक्षण के मुद्दे पर अपना प्रोजेक्ट तैयार किया है और इसके लिए उन्होंने घर के बेकार सामानों से घोंसले तैयार किए हैं, जो गौरैया के प्रजनन को बढ़ाने में काफी मदद कर सकते हैं.

इस मौके पर साइंस फॉर सोसायटी के एग्जीक्यूटिव मेंबर सतीश रंजन ने बताया कि इस बार बाल विज्ञान कांग्रेस स्वस्थ जीवन के लिए विज्ञान के थीम पर आयोजित किया गया. जिसमें पांच उप विषय थे. प्रदेश के सभी जिलों से छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया. 37 जिलों के 50 छात्रों के प्रोजेक्ट को सिलेक्ट कर राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में शामिल किया गया और इसमें से 30 बच्चे राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए सिलेक्ट किए गए हैं. राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का डेट अभी तय नहीं है और यह आयोजन ऑनलाइन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा होता है.

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