पटना:बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कानून मंत्री की फजीहत के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर बड़ा फैसला ले लिया है. कार्तिकेय सिंह से विधि विभाग वापस ले लिया गया है. अब उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं अब विधि विभाग की जिम्मेदारी मंत्री शमीम अहमद को दी गई है. इसके लिए नए कानून मंत्री डॉक्टर शमीम अहमद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ-साथ लालू यादव को धन्यवाद दिया है.
ये भी पढ़ें-विवादों में घिरे कानून मंत्री कार्तिक सिंह ने की लालू से मुलाकात, कहा.. मेरे ऊपर कोई मामला नहीं
'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ-साथ लालू यादव को धन्यवाद, उन्होंने मुझे कानून मंत्री के योग्य समझा है. हमारी प्राथमिकता होगी बिहार सरकार और नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस की नीति को अच्छे तरह से पालन करवाना. काम करने वालों के लिए कोई चुनौती नहीं होती है.'- शमीम अहमद, कानून मंत्री, बिहार सरकार
नए कानून मंत्री ने संभाला अपना पदभार :दरअसल उन्होंने कानून मंत्री का पद ग्रहण कर लिया है और वो अपने विभाग में समीक्षा कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने कार्तिकेय सिंह पर लगे आरोप को तवज्जों नहीं दिया है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवादों में घिरे अपने मंत्री कार्तिकेय कुमार को लेकर बड़ा फैसला किया है, सरकार में उनका विभाग बदल दिया गया है. कार्तिकेय कुमार अब विधि विभाग के मंत्री नहीं होंगे, इसकी जगह उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह जो की अनंत सिंह के काफी करीबी माने जाते हैं, उन्हें बनाया गया था. लेकिन विपक्ष लगातार उन पर आरोप लगाया, जिसके बाद कहीं ना कहीं नीतीश कुमार ने कानून विभाग को लेकर फेरबदल किया है.
कार्तिकेय सिंह पर लगे थे आरोप :गौरतलब है कि नीतीशमंत्रिमंडल में जगह मिलते ही कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. बता दें, 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था, इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया. इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चूका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.
कार्तिकेय सिंह का बदला विभाग :बता दें कि बिहार में महगठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan Government In Bihar) बनने के बाद ही कानून मंत्री कार्तिकेय कुमारविवादों में घिर गए थे. विपक्ष लगातार हमला कर रहा था. इसी बीच नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कार्तिकेय कुमार कानून मंत्री (Minister kartikeya Kumar) पद से हटा दिया है. कार्तिकेय कुमार को अब गन्ना उद्योग विभाग दिया गया है. वहीं शमीम अहमद को विधि मंत्री बनाया गया है.
कार्तिकेय सिंह को लेकर बिहार सरकार निशाने पर : विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर सवाल उठाया जाने लगा. वहीं सहयोगी वामपंथी दलों ने विधि विभाग वापस लेने की मांग की थी. दबाव के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने मंत्री पद से कार्तिकेय सिंह को हटाया तो नहीं है लेकिन विधि विभाग वापस ले लिया है. उसके स्थान पर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी है. तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि कार्तिकेय सिंह को मंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा. 1 महीने के अंदर हुए इस फेरबदल को लेकर विपक्ष को हमला करने का नीतीश सरकार ने फिर से मौका दे दिया है.