पटना : आगामी वर्ष यानी 2023 में नागालैंड में विधानसभा चुनाव (Nagaland Assembly Election) होना है. जेडीयू की तरफ से भी तैयारी शुरू हो गयी है. अभी हाल ही में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh JDU President) पूरी टीम के साथ नागालैंड का दौरा किया है. दौरा करने के बाद आज पार्टी कार्यालय में पहुंचे ललन सिंह ने कहा कि पार्टी वहां पर अकेले दम चुनाव लड़ेगी. किसी के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा.
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''2018 में जेडीयू नागालैंड में चुनाव लड़ी थी. पार्टी को एक सीट पर जीत भी हासिल हुई थी. साथ ही 5.6 प्रतिशत वोट भी मिला था. राज्य स्तरीय पार्टी के दर्जा के लिए 6% वोट की जरूरत है और हम लोग वहां चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी के साथ हमारा गठबंधन बिहार में है. मणिपुर में भी हम अकेले ही चुनाव लड़े थे.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
राष्ट्रीय पार्टी को दर्जा मिलने से एक कदम दूर :जेडीयू को अभी बिहार के अलावा अरुणाचल और मणिपुर में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है और केवल एक राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करना है. पार्टी की नजर नागालैंड में अगले साल होने वाले चुनाव पर है. नागालैंड में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त होने के बाद जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. ललन सिंह ने साफ संकेत दिया है कि पार्टी पूरी ताकत से वहां चुनाव लड़ेगी.
राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए चुनाव आयोग की शर्त: विशेषज्ञों के अनुसार राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग ने जो शर्ते रखी है वह इस प्रकार से है. यदि कोई पार्टी राज्य विधानसभा की कुल सीटों में से कम से कम 3% सीट या कम से कम 3 सीटें जो भी ज्यादा है प्राप्त करती हैं या कोई पार्टी लोकसभा या राज्य विधानसभा के चुनाव में कुल वैध मतों में से कम से कम 6% मत प्राप्त करती है और साथ ही कम से कम 1 लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीट जीतती है.
नॉर्थ-ईस्ट पर जेडीयू की नजर :जेडीयू ने नॉर्थ-ईस्ट के लिए नॉर्थ ईस्ट एक्सक्यूटिव काउंसिल (NEEC) का गठन किया है. जिसमें अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर शामिल है. 13 सदस्य काउंसिल की टीम बनाई गई है. सेवन सिस्टर वाले राज्यों में अरुणाचल और मणिपुर के बाद नागालैंड में जदयू का पहले से ही मजबूत संगठन है और उसे धारदार बनाने की कोशिश हो रही है.