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जीतन राम मांझी की सलाह- 'नीतीश कुमार और बीजेपी घाटे का सौदा ना करें'

बिहार में एनडीए गठबंधन और खुद जदयू के अंदर खाने कई तरह का राजनीतिक घटनाक्रम एक साथ चल रहा है. इस पर भाजपा-जदयू के नेता कुछ भी खुल कर नहीं बोल रहे हैं. वहीं जदयू खेमे में आरसीपी सिंह को एक फिर राज्य सभा भेजने पर सस्पेंश जारी है. इसी बीच जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार और बीजेपी के रिश्‍तों पर कही बड़ी बात, सुनिए और पढ़िए पूरी खबर..

जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी

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Published : May 23, 2022, 4:11 PM IST

Updated : May 23, 2022, 5:12 PM IST

पटना: बिहार मेंनीतीश कुमारकी पार्टी जेडीयू और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? पिछले कुछ दिनों से बिहार में हर किसी के मन में यही सवाल उठ रहा है. दरअसल, जिस तरह दोनों दलों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद खुलकर सामने आए हैं, उससे अटकलों को हवा मिल रही है. इस बीच, पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने नीतीश कुमार और बीजेपी के रिश्‍तों पर कही बड़ी बात (statement on Nitish Kumar and BJP Relationship) कही है.

पढ़ें-'27 मई को जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक', जीतनराम मांझी का बड़ा बयान

"एनडीए के घटक दलों के रिश्तों पर कोई प्रभाव पड़ेगा तो एनडीए को बहुत बड़ा घाटा होगा. एनडीए को जो मेंडेट मिला है वह 2025 तक के लिए है. 2025 तक नीतीश कुमार बिहार के सीएम रहेंगे. आशा है कि भाजपा और जदयू हजारों मतभेद के बाद भी आपस में मन भेद नहीं करेंगे. संगठन जैसा का तैसा बना रहेगा.नीतीश कुमार और बीजेपी घाटे का सौदा नहीं करेंगे. दोनों दल के रिश्तों में अगर दरार आता है तो दोनों को घाटा होगा." -जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

27 मई को जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक: वहीं जदयू और भाजपा के बीच राजनीतिक उठापटक के कयासों के बीच सीएम नीतीश कुमार की ओर से बिहार में जातीय जनगणना को लेकर गतिविधि तेज हो गई है. नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने बताया कि बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार इसको लेकर 27 मई को सर्वदलीय बैठक करने वाले (all party meeting on caste census) हैं. हमें उम्मीद है कि सभी दल इस मुद्दे पर सरकार के साथ रहेंगे. हालांकि पहले भी सभी दलों का समर्थन रहा है.

'जातीय जनगणना के खिलाफ नहीं बीजेपी':उधर, सुशील मोदी भी साफ कर चुके हैं कि बीजेपी सरकार के साथ है. उन्होंने कहा कि मैं याद कराना चाहूंगा कि बिहार विधानसभा और परिषद से दो-दो बार सर्वसम्मत से प्रस्ताव पारित हुआ है. इसमें भारतीय जनता पार्टी भी शामिल थी. अगर हम इसके विरोध में होते तो सर्वसम्मत प्रस्ताव में शामिल क्यों होते? झारखंड विधानसभा में भी सर्वसम्मत से प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें बीजेपी शामिल थी. जब पीएम से मिलने ऑल पार्टी डेलिगेशन गया तो हमने अपनी सरकार के वरिष्ठ मंत्री जनक राम को इसमें शामिल किया. उस डेलिगेशन की मांग थी कि बिहार के अंदर जातीय जनगणना करायी जाए. अगर हम विरोध में होते तो डेलिगेशन में क्यों शामिल होते?

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Last Updated : May 23, 2022, 5:12 PM IST

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