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पटना-रांची NH को लेकर बिहार और झारखंड सरकार से हाईकोर्ट कोर्ट खफा, मांगा शपथ पत्र - NHAI

झारखंड हाई कोर्ट ने पटना-रांची एनएच मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब-तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि राज्य में सड़क निर्माण के लिए अब तक कितने पेड़ काटे गए हैं और कितने ट्रांसप्लांट हुए हैं? यह भी बतायें कि किन-किन इलाकों में पेड़ ट्रांसप्लांट किए गए हैं? पढ़ें पूरी खबर.

Jharkhand Court
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Published : Oct 1, 2021, 6:51 AM IST

Updated : Oct 1, 2021, 7:43 AM IST

पटना/रांची: पटना-रांची एनएच (Patna-Ranchi NH) निर्माण मामले में स्वतः संज्ञान याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में बिहार (Bihar) और झारखंड सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि राज्य में सड़क निर्माण के लिए अब तक कितने पेड़ काटे गए हैं और कितने ट्रांसप्लांट किए गए हैं? झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई.

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अदालत ने बिहार सरकार से पूछा है कि वाइल्ड लाइफ बोर्ड (Wild Life Board) का पुनर्गठन कब तक होगा? वहीं, झारखंड सरकार को यह बताने को कहा है कि सड़क चौड़ीकरण के क्रम में कितने पेड़ काटे गए हैं और कितने पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया गया है. अदालत ने दोनों ही सरकारों को 21 अक्टूबर से पूर्व जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी.

न्यायाधीश ने इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि वाइल्ड लाइफ बोर्ड के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जल्द ही इसका गठन कर दिया जाएगा. बिहार सरकार की ओर से इसकी जानकारी देने के लिए समय देने का आग्रह किया गया, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. अदालत ने 21 अक्टूबर तक शपथपत्र के माध्यम से जानकारी देने का निर्देश दिया है.

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अदालत ने एनएचएआई से कहा कि कोडरमा से रजौली तक की सड़क अभी भी जर्जर है. यह सड़क चलने लायक नहीं है. बार-बार निर्देश देने के बाद भी एनएचएआई (NHAI) सिर्फ गड्ढाें को भर रहा है. भारी वाहनों के चलने से रास्ता टूट रहा है. इस पर एनएचएआई की ओर से बताया गया कि बरसात में अलकतरा का काम नहीं किया जाता है. बरसात समाप्त होते ही बेहतर तरीके से सड़क का निर्माण होगा.

अदालत ने कहा कि बिहार में एनएच के चौड़ीकरण और नयी सड़क बनाने के दौरान पेड़ों को नहीं काटाजा रहा. उन्हें ट्रांसप्लांट किया जा रहा है. झारखंड में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है. इस पर अदालत को बताया गया कि झारखंड में भी पेड़ ट्रांसप्लांट किए गए हैं. अदालत इससे संतुष्ट नहीं हुआ और सरकार को शपथपत्र दाखिल कर यह बताने को कहा कि राज्य में सड़क निर्माण के लिए अब तक कितने पेड़ काटे गए हैं और कितने ट्रांसप्लांट किए गए हैं? किन किन इलाकों में पेड़ ट्रांसप्लांट किए गए हैं? और इसमें कितने पेड़ जीवित हैं?

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Last Updated : Oct 1, 2021, 7:43 AM IST

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