पटनाःबिहार में इस साल सूखे की स्थिति बन रही है. पिछले 2 दिनों से कई जिलों में बारिश जरूर हुई है लेकिन इसके बावजूद किसानों की मुश्किलें कम नहीं हुई है. जदयू के जनसुनवाई कार्यक्रम में पार्टी कार्यालय पहुंचे जल संसाधन मंत्री संजय झा (Sanjay Jha Statement On Drought In Bihar) का कहना है कि हम लोग हर साल इस समय बाढ़ से परेशान रहते थे लेकिन इस बार सूखे के कारण परेशानी बढ़ी हुई है. बीते साल के मुकाबले इस साल 1 जून से 21 जुलाई तक 50 फीसदी कम बारिश हुई है. मुख्यमंत्री ने भी समीक्षा बैठक की है और जल संसाधन विभाग लगातार इसका रिव्यु (Preparation for Drought) कर रहा है. यूपी सरकार से रिहंद जलाशय में पानी को लेकर बातचीत भी हुई है और हम लोग अधिक से अधिक पानी ले भी रहे हैं.
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"सुखाड़ को लेकर मुख्यमंत्री ने 2 घंटे तक लगातार समीक्षा बैठक भी की है. हम लोगों ने भी कोशिश की है जहां तक संभव है, वहां पानी पहुंचाया जाय. इसके साथ मुख्यमंत्री की ओर से हर खेत को 2025 तक हर हाल में सिंचाई पहुंचाने का जो लक्ष्य है, उसे पूरा करने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए 5 विभाग लगे हुए हैं. सर्वे का काम पूरा हो चुका है. कुछ प्रोजेक्ट में एक-दो साल विलंब हो रहा था लेकिन मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि जो हम लोगों का लक्ष्य उसी में पूरा होना चाहिए."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री
बीते साल के मुकाबले 50 फीसदी कम बारिशःबिहार में इस साल 22 फीसदी के आसपास अब तक रोपनी हुई है. पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी से भी कम बारिश रिकार्ड की गई है. इस कारण से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि हम लोग हर साल बाढ़ से परेशान रहते थे लेकिन इस बार सूखे की स्थिति बनी हुई है. संजय झा ने कहा कि पिछले साल 1 जून से 21 जुलाई तक 400 मिलीमीटर बारिश हुई थी लेकिन इस साल केवल 215 मिलीमीटर बारिश हुई है.
वाणसागर और रिहंद जलाशय से लिया जा रहा पानीःसंजय झा ने कहा कि कम बारिश के कारण राज्य में सुखाड़ की स्थिति पर मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक कर चुके हैं. हम लोगों ने भी विभागीय स्तर पर बैठक की है. हम लोग रिहंद और वाणसागर सागर से अधिक से अधिक पानी लेने की कोशिश कर रहे हैं. वाणसागर से 12000 क्यूसेक पानी ले रहे हैं. वहीं रिहंद जलाशय में पानी के लिए यूपी सरकार से मैंने बात भी किया था. रिहंद जलाशय से पानी लेने के लिए पहले से समझौता है. रिहंद में 2624 क्यूसेक पानी पिछले 5 दिनों से आ रहा है. इसके अलावा हम लोग गंडक और अन्य नदियों कि नहर में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने की कोशिश भी कर रहे हैं.
सीमांचल छोड़ अधिकांश जगहों पर कम बारिशःबिहार में इस साल सीमांचल के इलाकों को छोड़ दें तो अधिकांश जगह बारिश कम हुई है. नहरों में भी पर्याप्त पानी नहीं है और इसके कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ी हुई है. सरकार की तरफ से डीजल अनुदान की घोषणा की गई है और वैकल्पिक फसल को लेकर भी तैयारी हो रही है. संजय झा का साफ कहना है कि नहरों से अधिक से अधिक पानी किसानों को मिले सरकार इस दिशा में कोशिश कर रही है.
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