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देश के लिए मॉडल बनेगा बिहार का हाईटेक पंचायत चुनाव, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हो सकता इस्तेमाल - पटना की खबर

बिहार के पंचायत चुनाव में तकनीकी का बखूबी इस्तेमाल हो रहा है. इसका लाभ भी सबके सामने है. चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता आयी है और लोगों को इसके विश्वास बढ़ा है. अन्य राज्यों को बिहार के पंचायत चुनाव में तकनीकी का इस्तेमाल पसंद आया है. बिहार का पंचायत चुनाव देश के लिए मॉडल बन सकता है. विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भी इस तरह के प्रयोगों को अपनाया जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर.

मीडिया से बातचीत करते दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके श्रीवास्तव
मीडिया से बातचीत करते दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके श्रीवास्तव

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Published : Nov 27, 2021, 7:12 AM IST

पटना:बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat elections in Bihar) चल रहा है. इसमें नित नए प्रयोग हो रहे हैं जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. साथ ही इस निर्वाचन प्रक्रिया (Election Process) को पूरे देश में सराहा भी जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग बिहार द्वारा वर्तमान पंचायत आम निर्वाचन के अवसर पर काफी नई तकनीकी अनुप्रयोगों के साथ निर्वाचन संचालन प्रक्रिया को देखने राज्य निर्वाचन आयोग दिल्ली और चंडीगढ़ के आयुक्त एस. के. श्रीवास्तव का तीन दिवसीय दौरे पर बिहार आगमन हुआ है.

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आयुक्त 24 नवंबर को मुजफ्फरपुर का लाइव चुनावी दौरा करते हुए पटना आयोग मुख्यालय पहुंचे. इसी कड़ी में 36 जिलों के 55 प्रखंडों में चल रही मतगणना को देखा और इसकी सराहना भी की. इस मौके पर एस. के. श्रीवास्तव पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बिहार के राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) द्वारा पंचायत चुनाव में मतदान और मतगणना की प्रक्रिया में काफी नई तकनीक का प्रयोग (Use of new technology in counting) किया जा रहा है जो देश मे पहली बार हो रहा है.

मीडिया से बातचीत करते दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके श्रीवास्तव

ऐसे में उन्होंने इस नए प्रयोग को देख खुशी जताते हुए कहा कि हम लोग हर भरसक प्रयास करेंगे कि आने वाले दिनों में इस तरह का प्रयोग पूरे देश में हो. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों आयुक्तों से इसे लेकर बात करेंगे. जनवरी महीने तक एक बड़ी बैठक होगी. बिहार के राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद (Election Commissioner Dr. Deepak Prasad) इसकी अगुवाई करेंगे. बिहार में जिस टेक्निक का प्रयोग पंचायत चुनाव में (use of technology in panchayat elections) पहली बार हो रहा है, उसको राज्य निर्वाचन आयुक्त सभी राज्यों के निर्वाचन आयुक्तों को समझायेंगे.

पंचायत चुनाव में बोगस वोटर रोकने के लिए बायोमीट्रिक का प्रयोग (use of biometrics) किस तरह से किया जा रहा है, इस पर चर्चा की जाएगी. साथ ही मतगणना में ओसीआर सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके काफी कम समय में रिजल्ट घोषित हो रहा है. पूरा डाटा राज्य निर्वाचन आयोग के पास मौजूद रहा है. इन सब विषयों को लेकर के एक मीटिंग का आयोजन किया जाएगा. दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि यह प्रयोग काफी अच्छा है. काफी सरलता से इसका प्रयोग किया जा रहा है. पूरे तरीके से निष्पक्ष चुनाव हो रहा है.

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आयुक्त ने बताया कि बिहार में जिस तकनीक प्रयोग किया जा रहा है, वह अन्य राज्यों के राज्य निर्वाचन आयोग को पसंद है. इसलिए टीम बिहार में आ रही है और मुआयना कर रही है. बता दें कि इससे पहले भी गुजरात तथा असम राज्य के राज्य चुनाव आयुक्त बिहार दौरे पर आए थे. वह बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव में किए गए तकनीकी अनुप्रयोगों को देख इसकी सराहना की थी.

बताते चलें कि भारत सरकार के निर्देश पर ही निर्वाचन आयुक्त दिल्ली चंडीगढ़ मुजफ्फरपुर के गायघाट में 24 नवंबर को हुए मतदान प्रक्रिया का लाइव वेबकास्टिंग देखा था. वहां से कई और जिलों के मतदान केंद्रों भ्रमण कर चुनाव को देखा था .उन्होंने अपनी अनुभव साझा करते हुए पत्रकारों से कहा कि इसके लिए वह सिफारिश करेंगे कि यह टेक्निक को अन्य राज्यों में भी अपनाया जाये.

उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयोग से बात होगी. बात अगर बन जाती है तो आने वाले समय में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव (Assembly and Lok Sabha elections) में भी इस तरह के प्रयोग को अपनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सबसे सुखद बात तो यह है कि मतगणना में ओसीआर सॉफ्टवेयर (OCR software for counting) से फोटो के साथ वीडियो ग्राफी भी की जा रही है. इससे मतगणना में पारदर्शिता आई है. साथ ही इस कार्य में पहले की तुलना में समय भी कम लग रहा है. साथ ही लोगों का विश्वास भी बढ़ा है.

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