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जल्दी फैसला देने पर HC ने कर दिया अररिया ADJ को निलंबित, SC ने सुनवाई में मांगा जवाब - बिहार न्यूज

अररिया के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशिकांत राय (Araria Additional District and Sessions Judge Shashikant Rai) को पटना हाईकोर्ट की ओर से निलंबन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. शशिकांत राय की ओर से जल्द फैसला देने के कारण निलंबन संबंधी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए मामले से जुड़े पक्षों से 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. पढ़ें पूरी खबर..

Supreme Court
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Published : Jul 30, 2022, 5:37 PM IST

पटनाः बिहार के अररिया में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश शशिकांत राय की याचिका पर पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई (Hearing In Supreme Court On Petition Of Judicial Officer Shashikant Rai) हुई. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस यूयू ललित और एसआर भट्ट की पीठ ने बिहार सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी किया है. मामले में 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश शशिकांत राय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पटना हाईकोर्ट द्वारा उन्हें निलंबित (Shashikant Rai suspended by Patna High Court) किए जाने को चुनौती दी गई थी. याचिका में शशिकांत राय की ओर से दावा किया गया है कि पॉक्सो समते अन्य मामलों में उनके ओर से तेजी से किये गये फैसलों की वजह से उन्हें निलंबित किया गया.

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याचिका में संस्थागत पूर्वाग्रह का लगाया है आरोपःशशिकांत राय ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें लगता है कि उनके खिलाफ एक संस्थागत पूर्वाग्रह है, क्योंकि उन्होंने छह साल की एक बच्ची से दुष्कर्म से जुड़े मामले में सुनवाई एक ही दिन में पूरी कर ली थी. इसके अलावा उन्होंने एक अन्य मामले में आरोपी को चार दिन सुनवाई कर दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी.

कोर्ट ने की टिप्पणी- सजा उसी दिन नहीं सुनाई जानी चाहिएःशशिकांत राय ने दावा कि कि ये खबरें मीडिया में व्यापक रूप से छाया रहा. इन फैसलों के लिए सराकार और आम जनता की ओर से काफी सराहना भी मिली. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के अपनी टिप्पणी में कहा कि शीर्ष कोर्ट के कई फैसले हैं जिनमें उसने कहा है कि सजा उसी दिन (सुनवाई पूरी करके) नहीं सुनाई जानी चाहिए. हमारे हिसाब से यह न्याय का उपहास होगा कि आप उस व्यक्ति (सजा पाने वाले) को पर्याप्त नोटिस, पर्याप्त अवसर तक नहीं दे रहे हैं जिसे अंतत: मौत की सजा मिलने वाली ही है. अररिया के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश शशिकांत राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह माले में पेश हुए.

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