पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस (Withdraw of Agricultural Laws) लेने का ऐलान कर दिया है. इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. विपक्ष के नेता तीनों कृषि कानून वापस को किसानों की जीत बता रहे हैं. कृषि कानूनों की वापसी पर बिहार में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) यानी मांझी की पार्टी ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अच्छा निर्णय लिया है. अब इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
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हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि कृषि कानून को प्रधानमंत्री ने वापस ले लिया है. मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. कृषि कानून देश के किसानों के लिए अच्छा था लेकिन किसान इसके विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे थे. जिसे लेकर देश के बाहर भारत की छवि भी लगातार खराब हो रही थी. यही सब सोचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये फैसला लिया है. लेकिन अभी भी कुछ किसान नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं. यह कि उचित नहीं है. ऐसा उन्हें नही करना चाहिए.
कृषि कानून को वापस लेने के फैसले का HAM ने किया स्वागत 'धरना पर बैठे किसानों को राजनीतिक पार्टियां अभी भी उकसा रही हैं कि संसद से बिल पास होगा तब मानेंगे. ऐसा कुछ नहीं होगा प्रधानमंत्री जो कहते हैं वो करते हैं. इसीलिए हम किसान नेताओं से अपील करते हैं कि अब वो धरने से वापस आ जायें. प्रधानमंत्री ने उनकी बातों को सुन लिया है. जिसके बाद उन्होंने इतना बड़ा निर्णय लिया है.':- दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता
गौरतलब है कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी.
उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानूनों का वापस लेने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.
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