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HAM और VIP की 'प्रेशर पॉलिटिक्स' BJP पर बेअसर, अब यूपी में गठबंधन की तैयारी में दोनों पार्टी - etv bihar

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) पर पूरे देश की नजर है. यूपी चुनाव में बिहार एनडीए के चार घटक दल चुनावी मैदान में है. लेकिन, बिहार एनडीए के छोटे दल यूपी में बीजेपी के साथ गठजोड़ की फिराक में है, लेकिन बीजेपी छोटे दलों के दबाव में आने को तैयार नहीं है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में हम और वीआईपी का गठबंधन करने का इरादा है. पढ़ें ये रिपोर्ट..

उत्तर प्रदेश में हम और वीआईपी का गठबंधन
उत्तर प्रदेश में हम और वीआईपी का गठबंधन

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Published : Jan 5, 2022, 7:30 AM IST

पटना:बिहार एनडीए के चार घटक दल (Allies of Bihar NDA) बीजेपी, जेडीयू, हम और वीआईपी हैं. बीजेपी के साथ बिहार से बाहर तीनों दलों का गठबंधन नहीं है, लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) को लेकर छोटे दलों ने बीजेपी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

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उत्तर प्रदेश में बिहार के राजनीतिक दलों का भले ही जनाधार ना हो, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी दल यूपी में बीजेपी के सहारे राजनीतिक वजूद कायम करना चाहते हैं. यूपी चुनाव में हम और वीआईपी ने बीजेपी पर दबाव बना रखा है. मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली पार्टी वीआईपी फूलन देवी के सहारे जातिगत वोट बैंक को साधने की फिराक में हैं. मुकेश सहनी 165 सीटों पर ताल ठोक रहे हैं, लेकिन बीजेपी दबाव में आने के लिए तैयार नहीं है.

उत्तर प्रदेश में हम और वीआईपी का गठबंधन

हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि ''उत्तर प्रदेश में हम चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. अगर बीजेपी के साथ बात नहीं बनती है तो हम वीआईपी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने की तैयारी (HAM and VIP alliance for UP Assembly Election) कर रहे हैं.''

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मुकेश सहनी ने पैंतरा बदला है और उन्होंने जीतन राम मांझी से मुलाकात की है. दोनों दल एक साथ होकर बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं. बात नहीं बनने पर हम और वीआईपी उत्तर प्रदेश में गठबंधन कर चुनाव में जाने की तैयारी में है.

''उत्तर प्रदेश में हमारे पास सीमित विकल्प है. यूपी के दलों से हमारा गठबंधन हो चुका है और अब बिहार के दलों को गठबंधन में लेना आसान नहीं है, वैसे चुनाव लड़ने के लिए सब लोग स्वतंत्र हैं.''-नवल किशोर यादव, वरिष्ठ नेता, बीजेपी

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वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी मानते हैं कि छोटे दलों का भले ही दूसरे राज्यों में वजूद ना हो, लेकिन यह दबाव की राजनीति करते हैं और बयानों के जरिए भी बड़े दलों पर दबाव बनाकर राजनीतिक हित साधने की कोशिश करते हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश चुनाव पर पूरे देश की नजर है. घटक दल यूपी में चुनाव लड़ने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं. ऐसे तो भारतीय जनता पार्टी हम और वीआईपी को कोई तवज्जो नहीं दे रही है, लेकिन पिछले दो दशक से सहयोगी रहे जेडीयू के साथ जरूर बातचीत कर रही है. पिछले 2 महीने से जेडीयू के नेता बीजेपी के साथ तालमेल हो जाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन सीटों को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. यूपी चुनाव में जेडीयू बीजेपी गठबंधन (JDU BJP alliance in UP Election) पर सस्पेंस बरकरार है.

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