पटना:वैश्विक महामारी कोविड-19 (COVID-19) का असर बिहार की अदालतों पर भी स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है. पटना हाइकोर्ट प्रशासन ने पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) के समक्ष वर्ष 2018, वर्ष 2019 औप वर्ष 2020 में दायर हुए और निष्पादित हुए मुकदमों को लेकर केस क्लीयरेंस रेट (CCR) अपने आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया है.
ये भी पढ़ें: बिहार में जजों की कमी के चलते न्याय मिलने में देरी, 25 लाख से ज्यादा केस पेंडिंग
हाइकोर्ट प्रशासन द्वारा जारी सीसीआर के मुताबिक वर्ष 2018 में कुल 130518 मुकदमें दर्ज हुए, जिसमें 117984 मुकदमें कोर्ट द्वारा सुनवाई के बाद निष्पादित किये गए. इस तरह से वर्ष 2018 का सीसीआर 90.39 हुआ. इसी प्रकार से वर्ष 2019 में पटना हाइकोर्ट में कुल 136401 मुकदमें दायर हुए, जिसमें से 117707 मुकदमों को निष्पादित किया. इस तरह से वर्ष 2019 का सीसीआर 86.29 रहा.
वहीं, वर्ष 2020 में पटना हाइकोर्ट के समक्ष 58674 मुकदमे ही दर्ज हुए, जिसमें कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 51637 मुकदमों को निष्पादित किया. इस तरह से वर्ष 2020 का सीसीआर 88.00 रहा. इस तरह 2020 में जहां दायर मुकदमों की संख्या कम रही, वहीं निष्पादित मामलों का प्रतिशत भी कम रहा.
ये भी पढ़ें: पटना हाइकोर्ट को मिले 2 नए जज, चीफ जस्टिस ने दिलाई शपथ
राज्य के निचली अदालतों में वर्ष 2018, वर्ष 2019 और वर्ष 2020 का सीसीआर भी हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया गया है. राज्य के निचली अदालतों में वर्ष 2018 में कुल 493973 मुकदमें दर्ज किये गए, जिसमें 361063 मुकदमों को निचली अदालतों द्वारा निष्पादित किया गया. इस प्रकार से वर्ष 2018 का सीसीआर 73.09 रहा. वर्ष 2019 में राज्य के निचली अदालतों में कुल 598462 मुकदमें दर्ज हुए, जिसमें 405347 मुकदमों को निचली अदालतों द्वारा निष्पादित किया गया. इस तरह से वर्ष 2019 का सीसीआर 67.73 रहा.
वहीं, वर्ष 2020 में राज्य के निचली अदालतों में 476877 मुकदमें ही दर्ज हुए, जिसमें 174478 मुकदमों को सुनवाई के पश्चात निष्पादित किया गया. इस तरह से वर्ष 2020 का सीसीआर 36.58 रहा. वर्ष 2020 में करोना महामारी का व्यापक प्रभाव रहा. जिसका असर अदालतों के कामकाज पर भी पड़ा. इस वर्ष मुकदमें भी कम दायर हुए और साथ ही मुकदमों का निष्पादन भी कम रहा.