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ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार में बाढ़ ने मचाई तबाही, सैकड़ों गांव डूबे, सड़कें ध्वस्त

बिहार में बाढ़ की स्थिति अगले कुछ दिनों में और बिगड़ने की आशंका है, इसका कारण यह है कि नेपाल और बिहार के कई ज़िलों में लगातार बारिश का दौर जारी है.

Flood in Bihar
Flood in Bihar

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Published : Jul 23, 2020, 3:47 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 4:46 PM IST

पटना: बिहार में एक बार फिर कई नदियां उफान पर हैं. कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है. निचले इलाकों में पानी पहुंचने के बाद लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

6 लाख 36 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित
बिहार के 10 जिलों की करीब 6 लाख 36 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है और 18,612 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 10 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण एवं खगड़िया जिले के 55 प्रखंडों के 282 पंचायतों की करीब छह लाख 36 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है. वहां से सुरक्षित निकाले गए 18,612 लोग दस राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

NDRF की 21 टीमें 12 जिलों में तैनात
जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी सीतामढी, मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा में, बूढी गंडक मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर में, कमला बलान मधुबनी में, लालबकिया पूर्वी चंपारण में, अधवारा सीतामढी में, खिरोई दरभंगा में और महानंदा किशनगंज एवं पूर्णिया जिला में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है . इस बीच, बाढ़ के खतरे के मद्देनजर एनडीआरएफ की 21 टीमों को प्रदेश के 12 जिलों में तैनात किया गया है. बाढ़ प्रभावितों के लिए अभी तक सरकार ने पांच राहत शिविर और पांच जिलों में 29 कम्‍युनिटी किचन शुरू किए हैं.

लोगों को सुरक्षित निकालती एनडीआरएफ

गोपालगंज: गंडक नदी पर बने रिंग बांध में रिसाव
गोपालगंज: जिले के मांक्षा प्रखंड के रिंग बांध पर गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण दबाव बढ़ने लगा है. बुधवार की रात करीब 9 बजे से ही इस बांध में रिसाव हो रहा है. रिंग बांध के टूटने से छपरा और गोपालगंज में बाढ़ के हालात हो जाएंगे.

गंडक नदी पर बने रिंग बांध में रिसाव

बेतिया-गोपालगंज मुख्य अप्रोच पथ ध्वस्त
बेतिया जिले में बना बेतिया-गोपालगंज मुख्य अप्रोच पथ ध्वस्त हो गया है. जिसके बाद यहां आवागमन पूरी तरह से बाधित है. इस महासेतु का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने साल 2015 में किया था. इसका निर्माण वशिष्टा कंपनी के द्वारा कराया गया है. बता दें कि इस महासेतु से कुछ ही दूरी पर राजवाही गांव है, वहीं पर यह पुलिया है जिसमें दरार आ गई है.

बढ़ते जलस्तर से टूटा एप्रोच पथ

बेतिया में बूढ़ी गंडक नदी का रौद्र रूप
दूसरी तरह बेतिया के ही मझौलिया प्रखंड के सरिसवा पंचायत के भरवलिया गांव में लगभग 100 से ज्यादा लोगों के घर में बाढ़ का पानी घुसने से जनजीवन अस्त व्यस्त है. गांव के लोग गांव से पलायन कर चुके हैं और ऊंचे स्थानों पर जा चुके हैं.

टूटी सड़क

दरभंगा में गेहुंआ नदी ने मचाई तबाही
दरभंगा के गेहुंआ नदी में जलस्तर बढ़ने से किरतपुर प्रखंड की सभी आठ पंचायतों के गांवों में पानी फैल गया है. प्रखंड की मुख्य सड़क पर कई जगह चार-पांच फीट तक पानी बह रहा है. लोग घर छोड़कर कोसी के बांध पर शरण ले रहे हैं.

बाढ़ के पानी से निकलते ग्रामीण

मुजफ्फरपुर में उफान पर बागमती और लखनदेई नदी
नेपाल और उत्तर बिहार में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण मुजफ्फरपुर में बागमती और लखनदेई नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. जिससे जिले के बाढ़ प्रभावित औराई और कटरा प्रखंड में हालात और भयावह हो गए हैं. बागमती नदी के उफान के कारण रुन्नीसैदपुर से औराई को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर भी पानी चढ़ने लगा है.

सीतामढ़ी: पुल धंसने से आवागमन बाधित
सीतामढ़ी में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. यहां बागमती अधवारा समूह झीम नदी और लक्ष्मण नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. एनएच 77 के पास शिवहर जिला को जोड़ने वाली सड़क पर बना पुल धंसने से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है.

Last Updated : Jul 23, 2020, 4:46 PM IST

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