पटना:राज्य स्वास्थ्य समिति के पोर्टल पर आ रही तकनीकी दिक्कतों के कारण प्रदेश में कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को सीएम राहत कोष से सहायता राशि नहीं मिल पा रही है. प्रदेश में कोरोना से मरने वालों के परिजनों को ₹400000 सहायता राशि सरकार की तरफ से मिली है.
409 में 134 मृतकों के परिजनों को मिली राशि
राजधानी पटना की बात करें तो पटना में कोरोना से 409 मरीजों की मौत हुई है. जिसमें अब तक 134 मृतकों के परिजनों को ही सहायता राशि मिली है. कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिजन सिविल सर्जन कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.
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पोर्टल पर जानकारी अपडेट करने में परेशानी
दरअसल, जिन लोगों की कोरोना से मौत होती है, उनका वेरिफिकेशन जिला सिविल सर्जन कार्यालय करता है. वेरीफिकेशन के बाद सिविल सर्जन कार्यालय से जानकारी राज्य स्वास्थ्य समिति के पोर्टल पर भेजी जाती है. मगर पोर्टल में जानकारी अपडेट करने में समस्या आ रही है. जिन लोगों की कोरोना से मौत हुई है, अगर उनका 2 दिन के अंदर पोर्टल पर जानकारी अपडेट नहीं की गई, तो आगे पोर्टल पर जानकारी अपडेट करने में समस्या आ रही है. जानकारी अपडेट नहीं हो पा रही है.
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सरकारी पेंच में फंसा रहता है मामला
इसके अलावे जिला स्वास्थ समिति की तरफ से जब कोरोना से मरने वालों की जानकारी राज्य स्वास्थ समिति को भेज दी जा रही है. उसके बावजूद वेरिफिकेशन के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति जिला स्वास्थ समिति को एक बार फिर से भेज दे रहा है. जिसमें यह पूछा जा रहा है कि जहां कोरोना मरीज की मौत हुई है, वह अस्पताल स्वास्थ्य विभाग से रजिस्टर्ड है या नहीं. इसके अलावा जहां से कोरोना जांच की पुष्टि हुई है, वह केंद्र स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर्ड है या नहीं.
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40 फीसदी से भी कम लोगों को मिली आपदा सहायता राशि
बताते चलें कि प्रदेश में अब तक 1486 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. मगर अब तक 40 फीसदी से भी कम लोगों को आपदा सहायता राशि मिली है. बाकी बचे लोग स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में आपदा राशि के लिए चक्कर काट रहे हैं.
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वेरिफिकेशन के लिए कनफ्यूजन में लोग
इसके अलावा पटना के बिहटा के ईएसआईसी हॉस्पिटल में पीएम केयर कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था, जो लगभग 1 माह पूर्व बंद कर दिया गया है. यहां कई जिलों के लोग एडमिट थे ऐसे में पटना के अलावा दूसरे जिले के जिन मरीजों की अस्पताल में कोरोना से मौत हुई है, वह इस बात को लेकर परेशान हैं कि उन्हें वेरिफिकेशन के लिए पटना जिला सिविल सर्जन कार्यालय में जाना है या अपने जिला के सिविल सर्जन कार्यालय में. इसकी जानकारी उन्हें कोई नहीं दे रहा.
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पटना में अंतिम संस्कार करना अनिवार्य
पटना जिला सिविल सर्जन कार्यालय में रोजाना ऐसे कई लोग दौड़ लगा रहे हैं और निराश होकर वापस लौट रहे हैं. पटना जिले के जिन अस्पतालों में कोरोना से लोगों की मौत हुई, ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से साफ निर्देश है कि उनका अंतिम संस्कार भी पटना में ही करना है. इसके लिए विशेष विद्युत शवदाह गृह भी बनाया गया है.
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डेथ सर्टिफिकेट के लिए भटक रहे रमेश कुमार के परिजन
बुधवार के दिन सिविल सर्जन कार्यालय में मृतक रमेश कुमार के परिजन पहुंचे हुए थे. उनका कहना है कि वह पटना जिला सिविल सर्जन कार्यालय के अलावे आरा जिला सिविल सर्जन कार्यालय में लगातार भटक रहे हैं, मगर कोई मदद कोई नहीं कर रहा. कैमरे पर कोई भी जानकारी ना देते हुए उन्होंने कहा कि वह परेशान हैं और उन्हें कोई नहीं बता रहा की डेथ सर्टिफिकेट कहां बनेगा. अस्पताल से जो डेथ सर्टिफिकेट मिला है वह कहीं भी मान्य नहीं है. ऐसे में उन्हें किसी भी एलआईसी पॉलिसी का भी लाभ अब तक नहीं मिल पाया है.