पटना:एक ओरजहां बिहार में तापमान का पारा लगातार चढ़ रहा है, वहीं बिजली की आंख मिचौली भी शुरू हो गयी है. रिकार्ड तोड़ गर्मी के बीच देर शाम दो और बिजली घरों में उत्पादन ठप (Supply disrupted from five power houses in Bihar) होने से सेन्ट्रल सेक्टर से बिजली की आपूर्ति में कटौती से बिहार में बिजली संकट गहरा गया है. हालत यह हो गयी है कि पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति में कटौती की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में 3 से 6 घंटे तक तो शहरी इलाकों में भी 2-2 घंटे से अधिक बिजली की कटौती की जा रही है.
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जरुरतों के मुताबिक बिजली उपलब्ध नहीं: सबसे बड़ी परेशानी की बात यह है कि जरुरतों को पूरा करने के लिए बाजार में भी बिजली उपलब्ध नहीं है. इसके चलते बिहार सरकार मांग के अनुसार महंगी बिजली भी नहीं खरीद पा रही है. सूबे की जरूरत 6000 मेगावाट की है जबकि उपलब्धता 4600 से 4800 मेगावाट के बीच है. ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव (Energy Minister Bijendra Yadav) का कहना है कि तकनीकी कारणों से दिक्कत हुई है. जरुरत पड़ने पर अन्य स्रोत से बिजली लेकर आपूर्ति की जायेगी. किसी भी सूरत में बिहार में विजली संकट नहीं होने देंगे.
आपूर्ति ठप होने से गहराया संकट:दरलीपाली, बरौनी और फरक्का से बिहार को बिजली नहीं: विभिन्न कारणों से दरलीपाली, बरौनी और फरक्का से बिहार को बिजली की आपूर्ति बंद थी. देर शाम नवीनगर और बरौनी बिजलीघर की एक-एक यूनिट में तकनीकी कारणों से उत्पादन ठप हो गया. इससे संकट और गहरा गया है. एनटीपीसी से बिहार को 5200 मेगावाट का शेड्यूल है.