पटना:चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस फिर से निशाना साधा है. कांग्रेस के चिंतन शिविर को विफल (Prashant Kishor called Congress Chintan Shivir in Udaipur failure) बताते हुए कहा कि इससे कुछ भी सार्थक हासिल नहीं हुआ. इससे कांग्रेस नेतृत्व को यथास्थिति को लम्बा खींचने और कम से कम गुजरात और हिमाचल में चुनाव तक मुद्दों को टालने का मौका मिल गया है. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि उनसे लगातार कांग्रेस के चिंतन शिवर को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. मेरे विचार से कांग्रेस को चिंतन शिविर से कुछ भी सार्थक हासिल नहीं हुआ. कांग्रेस का चिंतन शिविर उदयपुर में 13 से 15 मई तक (Congress Chintan Shivir in Udaipur) चला था.
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नहीं बनी थी प्रशांत किशोर के कांग्रेस ने जाने की बात: लंबे वक्त से प्रशांत किशोर के कांग्रेस में जाने के कयास लगाए जा रहे थे. कांग्रेस को दोबारा पटरी पर लाने को लेकर उन्होंने प्रेजेंटेशन भी दिया था. उन्होंने कांग्रेस में तमाम तरह के बदलाव को लेकर भी सुझाव दिए गए थे. इस दौरान सोनिया गांधी समेत तमाम नेता मौजूद थे. हालांकि बाद में कांग्रेस और प्रशांत किशोर में बात नहीं बनी. पीके को कांग्रेस ने अपने साथ जुड़ने का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. प्रशांत किशोर ने कहा था कि कांग्रेस के नेता यह मानते हैं कि मौजूदा भाजपा सरकार को जनता खुद ही उखाड़ फेकेगी और देश की सत्ता में उनकी वापसी हो जाएगी. पीके ने कहा था कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में तो रही है, लेकिन विपक्ष की भूमिका निभाने उसे नहीं आता.
हाल ही में पीके ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं में एक समस्या है. उनका मानना है कि हमने लंबे समय तक देश में शासन किया है. जब लोग नाराज होंगे तो अपने आप सरकार को उखाड़ फेंकेंगे और हम सत्ता में आ जाएंगे. वे कहते हैं कि आप क्या जानते हैं, हम सब कुछ जानते हैं और लंबे समय तक सरकार में रहे हैं. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि, कांग्रेस को मजबूत नेतृत्व और नेताओं की सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है.