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PMCH में हुई मीडिया कर्मियों की कोरोना जांच, बहुते से पत्रकार नहीं पहुंचे

सोमवार को पीएमसीएच में मीडिा कर्मिोंयों ने कोविड 19 टेस्ट कराया. हालांकि दी गई सूची के मुताबिक पत्रकार जांच कराने नहीं पहुंचे. बहरहाल कल यानी मंगलवार को प्रिंट मीडिया के लोगों को भी जांच कराने को कहा गया है.

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Published : May 11, 2020, 7:01 PM IST

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पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के निर्देश के बाद सोमवार से पीएमसीएच में मीडिया कर्मियों की कोविड-19 की जांच की गई. समाज में मीडिया की लगातार सक्रिय भूमिका को देखते हुए और अन्य राज्यों में मीडिया कर्मियों में कोरोना पॉजिटिव मिलने की घटनाओं के बाद एहतियात के तौर पर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी पटना के मीडिया कर्मियों का कोविड-19 टेस्ट कराने का आदेश दिया.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की ओर से सभी मीडिया संस्थान के संपादकों से बात करने के बाद सोमवार के दिन कुल 84 मीडिया कर्मियों का कोविड-19 टेस्ट कराने की सूची तैयार हुई. लेकिन जांच महज 20 लोगों की हुई. कहीं न कहीं लोग अभी भी जांच से घबरा रहे हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत के बिहार ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने सभी मीडिया कर्मियों से अपील किया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई इस पहल का सहयोग करें और खुद को सुरक्षित करें. उन्होंने कहा कि कोविड-19 टेस्ट कराने से घबराने की कोई जरूरत नहीं है. बता दें कि उन्होंने खुद अपना कोविड-19 टेस्ट दिया है.

कोविड 19 टेस्ट

ईटीवी भारती की अपील
बता दें कि मंगलवार को फिर से पीएमसीएच में प्रिंट मीडिया से जुड़े हुए पत्रकारों का कोविड-19 टेस्ट होना है. पत्रकारों के लिए पीएमसीएच के कॉटेज वार्ड मे क्वॉरेंटाइन रूम बनाए गए है. एक कमरे में दो लोगों के रहने का बेड है. आईसीआईएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक कोविड-19 टेस्ट देने के बाद पत्रकारों को भी रिपोर्ट आने तक पीएमसीएच में क्वॉरेंटाइन रहना पड़ता है. बता दें कि रिपोर्ट आने में 8 घंटे लगते हैं.

डॉक्टर ने दी जानकारी
पत्रकारों का सैंपल लेने पहुंची पीएमसीएच माइक्रोबायोलॉजी टीम के डॉक्टर ने बताया कि पीएमसीएच में अब पीपीई किट की समस्या नहीं रही है. बीच में इसका संकट आया था. उन्होंने कहा कि अब अच्छी क्वालिटी के पीपीई किट मिल रहे हैं. जो गर्मी के मौसम में पहनने में पूर्व की तुलना में बेहतर है. डॉक्टर ने कहा कि सरकार ने जिस प्रकार आइसोलेशन के पास सुरक्षाबलों की तैनाती के दावे किए हैं. वैसी सुरक्षा यहां नहीं दिख रही है. यहां से मरीज के भागने की घटनाएं सामने आती रहती है.

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