पटना: बिहार के पहले मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी स्व. श्री कृष्ण सिंह का नाम आजकल चर्चा में है. 21 अक्टूबर को इनकी 132वीं जयंती के मौके पर बीजेपी और जदयू ने खूब राजनीति की. एक ओर जहां कांग्रेस ने श्री बाबू को भारत रत्न देने की मांग की, वहीं, सत्ताधारी नेताओं ने इसे सिर्फ खानापूर्ति बताया.
'बाबू की विद्वता के कायल थे नेता'
राजधानी के मिलर हाई स्कूल मैदान में श्री बाबू की जयंती मनाते हुए कांग्रेस नेताओं ने उन्हें भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित किया. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि उस वक्त के तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल सहित तमाम बड़े नेता श्री बाबू की विद्वता के कायल थे. कांग्रेस नेता सदानंद सिंह कहते हैं कि आजादी के बाद स्व. श्री कृष्ण सिंह ने कुशल मुख्यमंत्री के तौर पर बिहार को सबसे बेहतर तरीके से चलाया था. उन्होंने कहा कि भारत रत्न जैसी उपाधि, श्री बाबू के लिए बहुत बड़ी उपाधि नहीं होगी. लेकिन कांग्रेस चाहती है कि वर्तमान सरकार इन्हें भारत रत्न से सम्मानित करे.