पटना: पीएमसीएच में निजी कंपनी की दवा लिखने के मामले पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. इस मामले को सदन में भी उठाने की कोशिश की गई. कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा जब इस मामले पर बोलने को उठे तो उन्हें सदन के नियमावली का हवाला देते हुए बैठा दिया गया. इसे लेकर कांग्रेस नेता ने नाराजगी जताई है.
'स्वास्थ्य मंत्री ने आरोपी के मित्र को जांच का जिम्मा सौंपा, कैसे होगी निष्पक्ष पड़ताल'
सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है. उन्होंने कहा कि सदन में गंभीर विषय पर बोलने नहीं दिया जा रहा है तो फिर ऐसे गंभीर विषयों को कहां उठाया जाए.
'विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है सरकार'
पार्टी के विधानपार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पीएमसीएच में इतना बड़ा मामला हो रहा है. सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है. उन्होंने कहा कि सदन में गंभीर विषय पर बोलने नहीं दिया जा रहा है तो फिर ऐसे गंभीर विषयों को कहां उठाया जाए.
'कैसे होगी निष्पक्ष जांच'
कांग्रेस नेता ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एक तो निजी कंपनी की दवा लिखी गई. दूसरा मरीज को कैल्शियम का ओवरडोज देने की हिदायत दी गई जो गंभीर मसला है. उस पर स्वास्थ्य मंत्री ने ऐसे लोगों को जांच करने के लिए कहा है जो आरोपी के मित्र हैं. एमएलसी ने सवालिया लहजे में कहा कि इन परिस्थितियों में निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है.