पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) ने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान (CM Nitish Big Statement On 2024 Lok Sabha Elections) दिया है. उन्होंने कहा है कि मेरी कहीं से भी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है. हमारे जो समर्थक हैं, वो ऐसे ही इन बातों को बोलते रहते है. विपक्ष को एकजुट करना हमारा मकसद है, जो हम करते रहेंगे. आगे कहा कि विपक्ष मजबूत होगा तो देश मजबूत होगा. मुख्यमंत्री ने सत्ता पक्ष पर तंज कसा और कहा कि जो वर्तमान में केंद्र सरकार है, वो देश और समाज को बांटने का काम कर रही है.
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'विपक्ष को एकजुट करना हमारा मकसद है, जो हम करते रहेंगे. कुछ लोग कैसे समाज को बांट रहे हैं, वो दिख रहा है. ऐसे लोगों को सबक सिखाना है. यही कारण है कि हम अपने लिए कुछ नहीं सोचते सिर्फ देश और देशवासियों के लिए सोचते हैं. मेरा कोई अरमान नहीं है कि हम कुछ बने.'- नीतीश कुमार, सीएम
UP के फूलपुर से चुनाव लड़ने के लगाए जा रहे थे कयास :गौरतलब है किबिहार में गठबंधन तोड़ने के बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) नेता नीतीश कुमार अघोषित तौर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार बने हैं. चूंकि दिल्ली में सत्ता तक पहुंचने के लिए यूपी को जीतना होगा, इसलिए नीतीश कुमार भी यूपी के रास्ते दिल्ली जाने की प्लानिंग कर रहे हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lallan singh JDU) ने साफ किया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार 2024 में उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़ सकते हैं (Nitish kumar can contest from phoolpur). यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट कुर्मी बाहुल्य होने के कारण ललन सिंह के दावे को हवा मिली.
फूलपुर में कुर्मी समाज के कई सांसद :फूलपुर लोकसभा सीट (Phulpur Lok Sabha Seat) से कुर्मी समाज के कई सांसद बने हैं. इसके अलावा फूलपुर सीट पर एसपी का भी मजबूत जनाधार है. यही वजह है कि 1996 से लेकर 2004 और 2018 के उपुचनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों ने यहां से जीत दर्ज की. 1996 और जंग बहादुर पटेल दो बार समाजवादी पार्टी (SP) के टिकट पर सांसद रह चुके हैं. उन्होंने फूलपुर से 1996 और 1998 में समाजवादी पार्टी से जीत दर्ज की. 1999 में एसपी के धर्मराज पटेल को जीत मिली. इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में एसपी ने अतीक अहमद को फूलपुर से प्रत्याशी बनाया जो विजयी रहे. लेकिन साल 2009 के चुनाव में बीएसपी के टिकट पर पंडित कपिल मुनि करवरिया चुनाव जीते.
फूलपुर में 2014-2019 में खिला कमल : इस सीट पर पहली बार बीजेपी का खाता 2014 में खुला जब केशव प्रसाद मौर्य ने जीत दर्ज की. हालांकि फूलपुर ने 2018 में ही पासा पलट दिया. यूपी विधानसभा चुनाव के बाद हुए लोकसभा उपचुनाव में सपा और बसपा गठबंधन के प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह पटेल ने बीजेपी उम्मीदवार कौशलेंद्र सिंह पटेल को हराकर सीट पर कब्जा कर लिया. जिस सीट पर केशव प्रसाद मौर्य ने तीन लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी वहां हार मिलना बीजेपी के लिए सदमे से कम नहीं था. लेकिन 2019 में एक बार फिर बीजेपी के केशरी देवी पटेल 544701 वोटों के साथ विजेता बने.