पटना: पूर्व सीएम जीतन राम मांझीके इफ्तार में शराबबंदी की वकालत (Bihar Liquor ban praised at Jitan Ram Manjhi Iftar Party) की गयी. इफ्तार के दौरान सीएम नीतीश कुमार एक बोर्ड दिया गया. इस पर लिखा हुआ था, 'शराब हराम है. दुनिया की सभी बुराईयों की जड़ शराब हैं. जीतन राम मांझी के इफ्तार (Jitan Ram Manjhi Iftar Party) में शराबंदी के समर्थन से सवाल उठने लगे हैं. कहा जाने लगा है कि क्या शराबबंदी को लेकर अपने पूर्व के रूख से जीतन राम मांझी बदल गये हैं. इसके पहले वे शराबबंदी को लेकर कई बार राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा चुके हैं.
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कहा था- शराब दवा के समान: फरवरी 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा था कि दिनभर भारी बोझ उठाने वाले मजदूरों के लिए शराब जरूरी है. उन्होंने कहा कि थकान से चूर गरीबों के लिए शराब दवा के समान है. मांझी ने ये भी कहा था कि रात में शराब पीकर सोने से गरीब-गुरबे जब सुबह उठेंगे तो तरोताजगी और ताकत का अहसास होगा. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अमीरों की तरह शराब थोड़ी-थोड़ी पीएं.
सीमित शराबबंदी की थी मांग:मई 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मेरी मांग है कि पूर्ण शराबबंदी के बजाय बिहार में सीमित शराबबंदी होनी चाहिए. इससे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा. भले ही ऊपर से लग रहा है कि यह ठीक है, लेकिन लोग अंदर-अंदर व्याकुल हैं. उन्होंने कहा था कि हमने शराबबंदी को कभी नौटंकी नहीं बताया. हम केवल शराबबंदी को लेकर उन्हें सुझाव दे रहे हैं कि कई मामलों में गलत कार्रवाई हुई है. लाखों गरीब आज जेल में हैं, उनके बाल-बच्चे बिलबिला रहे हैं. इसलिए हमने इस एक्ट की समीक्षा की भी बात कही है.